हल्द्वानी,13 मार्च (आईएएनएस)| उत्तराखंड के हल्द्वानी में भी एच3एन2 (H3N2) ने अपनी दस्तक दे दी है। यहां हल्द्वानी में राजकीय मेडिकल कालेज की वायरोलाजी लैब में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के दो मामले सामने आए हैं। हालांकि, चिकित्सकों का कहना है कि जितने सैंपल की जांच हुई है, उसकी तुलना में यह संख्या कम है। वहीं एच1एन1 व एच3एन2 से बचाव के लिए सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है।
वायरोलाजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. उमेश का कहना है कि सैंपल आ रहे हैं, प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में सबसे पहले कोविड संक्रमण की जांच की सुविधा शुरू हुई थी। बाद में जांच का दायरा बढ़ाया गया और मेडिकल कॉलेज में स्वाइन फ्लू समेत अन्य इंफ्लुएंजा की जांच की सुविधा शुरू की गई। अगस्त-2021 से लैब में करीब 1700 से अधिक सैंपल की जांच हुई है। लेकिन सात मार्च को दो मरीजों की जांच में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के भी आए थे।
वहीं सीएमओ डा. भागीरथी जोशी ने बताया कि घबराने की जरूरत नहीं है। इंफ्लुएंजा फ्लू है। इंफ्लुएंजा वाले मरीज और चिकित्सकों को मास्क पहनने की हिदायत दी जा रही है। सभी लोग आवश्यक सावधानी बरतें। सभी अस्पतालों में कोरोना की दवाइयां उपलब्ध हैं। वहीं मेडिकल कालेज में जांच की भी सुविधा उपलब्ध है। साथ ही अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं देश भर में इन्फ्लूएंजा वायरस के बढ़ते खतरे, विशेष कर इसके सब-वैरिएंट एच3एन2 के मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वस्थ विभाग अलर्ट है। बता दें कि इस वायरस से अब तक दो लोगों की मौत हो गई है। केंद्र ने सभी राज्यों को इसके संबंध में एक एडवाइजरी भी भेजी है, जिसमें इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और गंभीर तीव्र श्वसन बीमार की प्रवृत्ति पर उन्हें बारीकी से नजर बनाए रखने को कहा है।
इस वायरस से ग्रसित होने पर शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं. इसमें आमतौर पर हल्के या कहें माइल्ड लक्षण दिखते हैं। ठंड लगने लगती है, खांसी आती है। संक्रमित व्यक्ति को बुखार आ सकता है। उल्टी आने जैसा, जी मिचलाना महसूस होने लगता है। गले में दर्द और गले की खराश रहने लगती है। शरीर की मांसपेशियों में दर्द महसूस होता है।
कई मामलों में दस्त लगने की दिक्कत भी देखी गई है। छींक आना और नाक बहना भी इस वायरस से ग्रसित होने के लक्षणों में शामिल है। अगर व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होने लगे या गले से खाना नीचे ना उतरे तो उसे तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।