XBB.1.16 वैरिएंट: संक्रमण के साथ-साथ मृत्यु के भी बढ़े आंकड़े
By : hashtagu, Last Updated : April 4, 2023 | 11:35 am
डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 मामलों की टेक्निकल लीड डॉ मारिया वान केरखोव कहती हैं, 22 देशों से कोरोना के 800 से अधिक सीक्वेंस मिले हैं, इनमें से सबसे अधिक भारत से हैं। कोरोना के बढ़ते आंकड़े चिंताजनक हैं।
कोविड वैरिएंट XBB 1.16 है प्रमुख कारण
डॉ मारिया कहती हैं, इस समय कोरोना के XBB 1.16 वैरिएंट को ही बढ़ते मामलों का प्रमुख कारण माना जा रहा है। इस वैरिएंट ने भारत में अन्य सब-वैरिएंट्स को रिप्लेस कर दिया है। प्रयोगशाला अध्ययनों के अनुसार, एक्सबीबी.1.16 ने संक्रामकता में वृद्धि के साथ-साथ संभावित रूप से बढ़ी हुई रोगजनकता के संकेत भी दिए हैं। भारत ने पिछले कुछ महीनों में सबसे अधिक कोविड मामलों की सूचना दी है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने एडवाइजरी जारी कर देश में टेस्टिंग और सर्विलांस बढ़ा दिया है।
मौत का भी बढ़ रहा है खतरा
वैज्ञानिकों की टीम ने पाया है कि अभी तक कोविड लक्षणों के पैटर्न या प्रकार में कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिला है। कोरोना वायरस के पिछले वैरिएंट्स में जिस तरह के लक्षण दिख रहे थे, उसी तरह के लक्षण इस बार के संक्रमण में भी देखे जा रहे हैं। ज्यादातर संक्रमितों में बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहने, कुछ मामलों में थकान, मांसपेशियों में दर्द और पेट की समस्याएं हो सकती हैं, पर ये गंभीर रोग का कारण नहीं बन रहे हैं। गंभीरता का जोखिम कुछ स्थितियों में हो सकता है।
ऐसे लोगों में गंभीर रोग–मौत का खतरा
महामारी रिपोर्ट के मुताबिक वैसे तो कोरोना संक्रमित होने वाले अधिकतर लोग आसानी से ठीक हो जा रहे हैं पर जिन लोगों को कोमोरबिडिटी है, इम्युनिटी सिस्टम कमजोर है या फिर जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है ऐसे लोगों में यह गंभीर रोग का कारण जरूर बन सकता है। रोग की स्थिति बिगड़ने पर आईसीयू में भर्ती होने और मौत का भी जोखिम हो सकता है। ऐसे जोखिम कारक वालों को विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
संक्रामक रोग अनुसंधान और नीति केंद्र (CIDRAP) की रिपोर्ट के अनुसार, नए वैरिएंट्स से कोरोना संक्रमितों में हमने डेल्टा वैरिएंट्स जैसे लक्षणों में गंभीर बदलाव नहीं देखे हैं। लेकिन जिस तरह के वैश्विक रिपोर्ट हैं, उससे स्पष्ट होता है कि “हम अभी भी वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति में ही हैं। वायरस अभी हमारे बीच है, लेकिन हम इस महामारी की शुरुआत की तुलना में बहुत बेहतर स्थिति में हैं। जिन देशों में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी है उन्हें शीघ्रता से कोविड की रोकथाम को लेकर टेस्टिंग और बचाव के उपाय करते रहने चाहिए।