दीपावली 2025 : सिर्फ 12 मिनट की अमावस्या 21 अक्टूबर को, महालक्ष्मी पूजन 20 अक्टूबर को ही शुभ

By : dineshakula, Last Updated : October 17, 2025 | 2:54 pm

Diwali: दीपावली, भारत का सबसे बड़ा और प्रतीकात्मक त्योहार, इस वर्ष 18 अक्टूबर से 23 अक्टूबर 2025 तक पंचदिवसीय रूप में मनाया जाएगा। इस बार महालक्ष्मी पूजन की तिथि को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। अमावस्या कब है और पूजन किस दिन होना चाहिए इसको लेकर श्रद्धालु और पंडित वर्ग दो हिस्सों में बंटा हुआ दिखाई दे रहा था। ज्योतिषाचार्यों ने अब इस भ्रम को दूर कर दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि महालक्ष्मी पूजन 20 अक्टूबर सोमवार को ही किया जाएगा।

21 अक्टूबर को दीपावली क्यों नहीं मानी जाएगी 
इस वर्ष अमावस्या तिथि का संयोग विशेष है। अमावस्या की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर होगी और इसका समापन 21 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 54 मिनट पर होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दीपावली का पूजन तभी शुभ माना जाता है जब अमावस्या प्रदोष काल और रात्रिकाल दोनों में उपस्थित हो। यह योग 20 अक्टूबर को बन रहा है।

21 अक्टूबर को भले ही दिनभर अमावस्या रहेगी लेकिन सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में यह केवल 12 मिनट के लिए ही होगी और रात्रि के मध्य निशीथ काल में अमावस्या समाप्त हो चुकी होगी। इसी कारण 21 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन शास्त्रसम्मत नहीं माना गया है।

20 अक्टूबर को पूजन क्यों शुभ 
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार महालक्ष्मी पूजन प्रदोष और निशीथ काल में होना चाहिए जब अमावस्या तिथि पूर्ण रूप से उपस्थित हो। इस बार यह श्रेष्ठ योग 20 अक्टूबर को बन रहा है। इसी दिन स्थिर लग्न और शुभ योग भी रहेंगे जो लक्ष्मी कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत मंगलकारी माने जाते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि स्थिर लग्न में पूजन करने से माँ लक्ष्मी स्थायी रूप से निवास करती हैं।

20 अक्टूबर को ही बड़ी दीपावली माने जाने के कारण 
— 20 अक्टूबर को अमावस्या प्रदोष काल और निशीथ काल में संपूर्ण रूप से उपस्थित है।
— 21 अक्टूबर को अमावस्या केवल 12 मिनट के लिए प्रदोष में रहेगी, रात्रिकाल में नहीं।
— शास्त्रों में बिना पूर्ण अमावस्या तिथि के पूजन को पूर्ण फलदायी नहीं माना गया है।
— स्थिर लग्न, शुभ योग और रात्रिकाल का संयोग 20 अक्टूबर को बन रहा है।

दीपावली की पंचदिवसीय तिथियाँ (2025) 
— 18 अक्टूबर | धनतेरस
— 19 अक्टूबर | रूप चौदस (नरक चतुर्दशी)
— 20 अक्टूबर | महालक्ष्मी पूजन (बड़ी दीपावली)
— 21 अक्टूबर | गोवर्धन पूजा
— 23 अक्टूबर | भाई दूज

अगर आप भी दीपावली की सही तिथि को लेकर दुविधा में थे तो अब स्थिति साफ हो चुकी है। वैदिक पंचांग और प्रतिष्ठित ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 20 अक्टूबर 2025 सोमवार को ही महालक्ष्मी पूजन करना शास्त्रसम्मत और शुभ फलदायक रहेगा। पूजन का समय केवल पंचांग देखकर नहीं बल्कि प्रदोष, निशीथ और अमावस्या की उपस्थिति को ध्यान में रखकर ही निर्धारित करना चाहिए।