दिवाली 21 अक्टूबर को ही मनाएं, तीर्थ पुरोहितों ने दूर किया भ्रम
By : dineshakula, Last Updated : October 11, 2025 | 11:55 pm
By : dineshakula, Last Updated : October 11, 2025 | 11:55 pm
हरिद्वार/ऋषिकेश: इस साल दिवाली की तारीख को लेकर लोगों के बीच चल रहा भ्रम अब खत्म हो गया है। देवभूमि उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थस्थलों हरिद्वार और ऋषिकेश के अनुभवी तीर्थ पुरोहितों और ज्योतिषाचार्यों ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार दिवाली (Diwali) 21 अक्टूबर 2025 (मंगलवार) को ही मनाई जाएगी।
हरिद्वार के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी के अनुसार, इस वर्ष अमावस्या तिथि 20 और 21 अक्टूबर, दोनों दिन पड़ रही है। लेकिन ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 21 अक्टूबर को सूर्य उदय से लेकर सूर्यास्त के बाद तक 3/4 पहर तक अमावस्या विद्यमान रहेगी, जो दिवाली पूजन के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। इसलिए दिवाली पूजन 21 अक्टूबर को करना ही शुभ और फलदायी रहेगा।
ऋषिकेश त्रिवेणी संगम के प्रतिष्ठित पंडित वेदप्रकाश ने भी इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा कि दीपावली 21 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी और इसमें किसी प्रकार का संदेह नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पर्व भारत सहित पूरी दुनिया में सनातन धर्मावलंबियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है और इसका पूजन सही दिन और शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए।
हरिद्वार के पंडित गोपाल पटवार के अनुसार, दिवाली पांच दिवसीय पर्व श्रृंखला का केंद्र बिंदु है। सभी पर्वों की तिथियां इस प्रकार तय की गई हैं:
19 अक्टूबर – धनतेरस
20 अक्टूबर – नरक चतुर्दशी
21 अक्टूबर – दीपावली
22 अक्टूबर – गोवर्धन पूजा
23 अक्टूबर – भाई दूज
उन्होंने कहा कि ये सभी तिथियां पंचांग निर्माताओं द्वारा सर्वसम्मति से तय की गई हैं और मान्य हैं।
पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि दिवाली के दिन सबसे पहले भगवान गणेश का पूजन करें। इसके बाद मां लक्ष्मी का विधिपूर्वक पूजन करें। केवल लक्ष्मी पूजन से धन तो प्राप्त होता है, लेकिन साथ में अहंकार और अन्य विकार भी बढ़ सकते हैं। इसलिए गणेश-लक्ष्मी की संयुक्त पूजा ही श्रेष्ठ मानी जाती है।
पूजन के लिए मिट्टी या चांदी के लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों का उपयोग करें। उन्हें स्नान कराकर, शुद्ध वस्त्र पहनाकर पूजा स्थान पर स्थापित करें। खील-बताशा, खिलौने, कलम-दवात, कुबेर जी और मां काली का पूजन भी इस दिन किया जाता है।
ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार अमावस्या पर मंगल का शुभ योग बन रहा है, जिससे व्यापार, धन-संपत्ति और पारिवारिक समृद्धि के प्रबल योग बन रहे हैं। यह दिवाली न सिर्फ धार्मिक रूप से बल्कि आर्थिक रूप से भी लाभकारी साबित हो सकती है।
हरिद्वार और ऋषिकेश के ज्योतिषाचार्यों और तीर्थ पुरोहितों की राय स्पष्ट है – दिवाली 21 अक्टूबर 2025 को ही मनाना उचित और शुभ रहेगा। ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति, अमावस्या की पूर्णता और पूजन मुहूर्त को देखते हुए यह तिथि ही पूरे भारत में मान्य मानी जा रही है।