बंदर क्यों नहीं जानता गुणों की खान अदरक का स्वाद?
By : hashtagu, Last Updated : December 14, 2024 | 9:51 am
इस लोकप्रिय मुहावरे को हम आम तौर पर अपनी रोजमर्रा की बातचीत में न जाने कितनी बार बोलते हैं, जिसका मतलब है कि अज्ञानी व्यक्ति गुणों से भरी चीजों की कदर नहीं करते। इस मुहावरे के पीछे की कहानी बेहद सिंपल है, जिसके अनुसार इंसान जिस तरह से अदरक का स्वाद लेते हैं, बंदर नहीं ले सकते। इसी वजह से बंदर अदरक को सूंघने के तुरंत बाद ही फेंक देते हैं।
दिलचस्प बात है, शाकाहारी जानवर बंदर हर तरह के पेड़-पौधों को पहचान सकते हैं मगर अदरक के गुणों को पहचानने की उनकी क्षमता नहीं होती। अदरक के स्वाद को पहचानने की क्षमता मनुष्यों में होती है, बंदरों में नहीं।
शरीर के लिए बेहद लाभकारी अदरक का रंग-रूप और स्वाद अन्य सब्जियों या फलों से एकदम अलग होता है। अदरक की खुशबू चाय हो या काढ़ा, उनको न केवल जायका बढ़ा देती है बल्कि गुणकारी भी बना देती है। ऐसे ही अदरक सब्जी के स्वाद को बढ़ा देता है।
अदरक में कई पोषक तत्व होते हैं और इसी वजह से आयुर्वेद में अदरक को अमृत के समान माना जाता है। अदरक में कैल्शियम, आयरन के साथ अन्य खनिज तत्व होते हैं। अदरक खाने से पाचन क्रिया बेहतर होती है। अगर उल्टी लगी हो तो अदरक खाने से आराम मिलता है। अदरक खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
अदरक खाने से थकान दूर होती है और संक्रमण से लड़ने में भी मदद मिलती है। विशेषज्ञों के अनुसार अदरक खाने से हृदय संबंधी समस्याओं की संभावना कम होती है और गठिया के दर्द में आराम मिलता है।
आयुर्वेद के अनुसार यदि कई दिनों से खांसी आपका पीछा नहीं छोड़ रही है तो अदरक की चाय या नमक के साथ अदरक को चाटने से गले में आराम मिलता है। पीरियड्स के दर्द से परेशान लड़कियां अदरक को गर्म पानी या चाय के साथ सेवन कर दर्द में राहत पा सकती हैं। सर्दी और जुकाम के लिए भी अदरक को रामबाण माना जाता है।