गजब की योजना, टैक्स जमा करो पाओ लाखों की रकम, पढि़ए कहां है लागू

राज्य शासन ने प्रदेश में जीएसटी कानून के अंतर्गत सर्वाधिक कर जमा करने वाले व्यवसायियों को सम्मानित करने की अनूठी पहल शुरू की है।

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  • Publish Date - November 2, 2022 / 07:20 PM IST

सर्वाधिक कर जमा करने वाले व्यवसायी भामाशाह पुरस्कार से होंगे सम्मानित

भोपाल। राज्य शासन ने प्रदेश में जीएसटी कानून के अंतर्गत सर्वाधिक कर जमा करने वाले व्यवसायियों को सम्मानित करने की अनूठी पहल शुरू की है। इसमें विगत वर्ष 2020-21 और 2021-22 में सबसे ज्यादा कर जमा करने वाले व्यवसायियों को भामाशाह पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ३ नवबंर को रवीन्द्र भवन में आयोजित समारोह में व्यवसायियों को सम्मानित करेंगे। वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना एवं आर्थिक-सांख्यिकी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा समारोह की अध्यक्षता करेंगे। उल्लेखनीय है कि भामाशाह पुरस्कार की स्थापना का उद्देश्य मध्यप्रदेश में माल और सेवा कर अधिनियम के प्रावधानों में करदाताओं द्वारा जमा राज्य जीएसटी की राशि तथा आईजीएसटी सेटलमेंट से राज्य को प्राप्त कर राशि के आधार पर सर्वाधिक कर राशि जमा करने वाले सप्लायर को प्रोत्साहित करना है।

इस नियम के दायरे में आने वाले लोगों को मिलेगा पुरस्कार

पहला ऐसे सप्लायर जिनका टर्न ओवर संबंधित वित्तीय वर्ष में डेढ़ करोड़ रूपये से कम है। दूसरा ऐसे सप्लायर जिनका संबंधित वित्तीय वर्ष में टर्नओवर 1.50 करोड़ रूपये से ज्यादा किंतु 50 करोड़ रुपये से कम है। तीसरा ऐसे सप्लायर्स जिनका संबंधित वित्तीय वर्ष में टर्नओवर 50 करोड़ से ज्यादा लेकिन 500 करोड़ से कम है। चाैथा ऐसे सप्लायर्स जिनका संबंधित वित्तीय वर्ष में टर्न ओवर 500 करोड़ रुपये से ज्यादा है। पांचवीं श्रेणी शासकीय विभाग और सार्वजनिक उपक्रमों की है।

प्रथम श्रेणी में प्रथम करदाता को एक लाख रूपये और प्रमाण-पत्र एवं द्वितीय करदाता को 50 हजार रुपये। द्वितीय श्रेणी में प्रथम करदाता को 5 लाख रुपये एवं प्रमाण-पत्र और द्वितीय करदाता को 3 लाख रुपये। तृतीय श्रेणी में प्रथम करदाता को 7 लाख रुपये और प्रमाण-पत्र एवं द्वितीय करदाता को 5 लाख रुपये एवं प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। चतुर्थ श्रेणी में प्रथम करदाता को 10 लाख रुपये एवं प्रमाण-पत्र और द्वितीय करदाता को 7 लाख और पांचवी श्रेणी के प्रथम करदाता को 3 लाख रूपये एवं प्रमाण-पत्र एवं द्वितीय करदाता को 2 लाख रुपये एवं प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।