मप्र में रानी दुर्गावती व अवंती बाई का शौर्य पढ़ाया जाएगा
By : hashtagu, Last Updated : January 3, 2024 | 10:38 pm
मुख्यमंत्री ने कहा कि वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के अदम्य शौर्य, साहस एवं पराक्रम ने भारतवर्ष को गौरवान्वित किया है। उन्होंने अकबर जैसे शासक से युद्ध किया और अकबर से भयभीत हुए बिना अपनी वीरता का परिचय दिया। इसी प्रकार वीरांगना रानी अवंती बाई ने झांसी की रानी लक्ष्मी बाई का साथ देकर अंग्रेजी शासकों से लड़ाई लड़ी। आज देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फूले का जन्मदिन भी है। इन तीनों ने सदैव नारी सम्मान को बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वीरांगना रानी दुर्गावती के जीवन का प्रत्येक क्षण हमारे लिए सम्मान का विषय है। वीरांगना रानी दुर्गावती, रानी अवंती बाई के शौर्य को नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा, ताकि भावी पीढ़ी उनके इस योगदान को जान सकें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100 करोड़ रुपये की राशि के रानी दुर्गावती के स्मारक का भी लोकार्पण किया।
- उन्होंने कहा कि मां नर्मदा प्रदेश की जीवन रेखा हैं, नमामि देवी नर्मदे परियोजना के तहत स्थानीय सभी घाटों को एक दूसरे से कनेक्ट किया जाएगा और उन्हें अयोध्या एवं हरिद्वार की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। संभाग में उद्योगों की विस्तृत श्रृंखला तैयार की जाएगी, जिससे लोगों को रोजगार मिल सके। संभाग में विकास कार्यों का यह सिलसिला लगातार चलता रहेगा। विकास कार्यों की धुरी का केंद्र प्रत्येक जिले के गांव एवं शहर को बनाया जा रहा है।
उन्होंने उत्तर मध्य विधानसभा विधायक डॉ. अभिलाष पांडे की मांग पर शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मंच से ही आईटीआई से दीनदयाल चौक तक नवीन ब्रिज बनाये जाने की भी घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने जबलपुर में आईटी पार्क एवं एलिवेटेड कॉरिडोर बनाये जाने की जानकारी भी दी।
कार्यक्रम में सांसद वीडी शर्मा ने कहा कि प्रदेश के कोने-कोने तक विकास के आयाम तैयार करने की शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की है। नवगठित सरकार नई उमंग के साथ कार्य करने के लिए एकजुट हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार एवं प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में गरीब व्यक्ति के जीवन को बदलने के लिए प्रयासरत है। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन देते हुए लोक निर्माण विभाग के मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पहली कैबिनेट करने के लिए संस्कारधानी को चुना है। यह महाकौशल के विकास की प्राथमिकता को दर्शाता है।