नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। एबीपी (ABP) न्यूज के एक विशेष सीवोटर ओपिनियन पोल से पता चलता है कि मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को भाजपा पर छोटी, लेकिन महत्वपूर्ण बढ़त हासिल है।
दिलचस्प बात यह है कि सरकार के खिलाफ किसी भी मजबूत सत्ता-विरोधी भावनाओं की तुलना में मतदाताओं की भाजपा के प्रति “थकान” के कारण कांग्रेस को अधिक फायदा हुआ है।
दूसरा कारक जो कांग्रेस को बढ़त दिलाने में मदद करता दिख रहा है, वह यह है कि मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों के भाजपा में शामिल होने से चंबल-ग्वालियर क्षेत्र में कांग्रेस के प्रति मतदाताओं का झुकाव नहीं बदला है।
सीवोटर सर्वे के अनुसार, कांग्रेस को मौजूदा चुनावों में 44.3 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान है, जो 2018 के विधानसभा चुनावों में 40.9 प्रतिशत था।
मौजूदा चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर 2018 के 41 फीसदी से बढ़कर 42.1 फीसदी होने का भी अनुमान है।
जिस बसपा की कभी उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे राज्य के इलाकों में जबरदस्त उपस्थिति थी, उसका समर्थन आधार टूट रहा है। अनुमान है कि उसका 2018 का वोट शेयर 5 प्रतिशत से घटकर 2.2 प्रतिशत रह गया है।
सीवोटर सर्वे के अनुसार, कांग्रेस के मौजूदा चुनावों में 118 से 130 सीटें जीतने का अनुमान है, जबकि 2018 में उसे 114 सीटें मिली थी।
230 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 116 है।
वहीं, मौजूदा चुनाव में बीजेपी को 99 से 111 सीटें मिलने का अनुमान है। 2018 में जब कांग्रेस ने कमलनाथ के मुख्यमंत्री रहते हुए सरकार बनाई थी तो पार्टी ने 109 सीटें जीती थी।
हालांकि, मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया और दो से अधिक विधायकों के विद्रोह के कारण कांग्रेस सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में लौट आए।
सीवोटर के सदस्यों ने कुल 28,223 पंजीकृत वोटर्स का साक्षात्कार लिया। त्रुटि की संभावना 3 प्रतिशत है।