कमलनाथ को लेकर जारी अटकलबाजी से कांग्रेसी असमंजस में

बीते दो दिनों के कांग्रेस नेताओं के बयान पर गौर करें तो एक पक्ष दावा करता रहा कि कमलनाथ किसी भी कीमत पर कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ेंगे, तो वही कुछ नेता कमलनाथ के कांग्रेस में अपमान तक होने की बात कहने से नहीं हिचके।

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  • Publish Date - February 19, 2024 / 01:57 PM IST

भोपाल 19 फरवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) और उनके पुत्र छिंदवाड़ा के सांसद नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की भले ही अब भी अटकलबाजियां जारी होंं, मगर कांग्रेस के नेताओं के बयानों ने आम कार्यकर्ता को असमंजस में जरूर डाल दिया है।

बीते कुछ दिनों से राज्य की सियासत में एक बार फिर दल बदल की हवा चल रही है और इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की चर्चाओं ने कांग्रेस के नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक की चिंताएं बढ़ा दी हैं। वहीं कई नेताओं के आए बयानों ने तो जमीनी स्तर तक के कार्यकर्ता को असमंजस में डाल दिया है।

बीते दो दिनों के कांग्रेस नेताओं के बयान पर गौर करें तो एक पक्ष दावा करता रहा कि कमलनाथ किसी भी कीमत पर कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ेंगे, तो वही कुछ नेता कमलनाथ के कांग्रेस में अपमान तक होने की बात कहने से नहीं हिचके।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि उनकी कमलनाथ से फोन पर बात हुई है उन्होंने कहा है कि जीतू मीडिया में जो बातें आ रही हैं, यह भ्रम है। मैं कांग्रेसी था, हूं और रहूंगा । लोकतंत्र में हार जीत होती रहती है। हर परिस्थिति में उन्होंने दृढ़ता से कांग्रेस के विचार के साथ अपना जीवन जिया है और आगे भी कांग्रेस के विचार के साथ अंतिम सांस तक जीवन जिएंगे। यह उनकी खुद की भावना है, जो उन्होंने मुझसे कहा है।

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी कह चुके हैं कि कमलनाथ भाजपा में नहीं जाएंगे। उनका चरित्र दबाव में आने का नहीं है। वहीं दूसरी ओर कमलनाथ के करीबी और छिंदवाड़ा के पूर्व विधायक दीपक सक्सेना ने कांग्रेस में कमलनाथ के अपमान की बात कही है। साथ ही कहा कि कमलनाथ जहां जाएंगे, वहां वे भी होंगे।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी साफ किया है कि कमलनाथ ने यह स्पष्ट तौर पर कभी नहीं कहा कि वे भाजपा में जा रहे हैं। कमलनाथ ने खुद कई बार मंच से कहा है कि वह इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे हैं, वहीं जो बात मीडिया में चल रही है उसे कमलनाथ ने कभी नहीं स्वीकारा।

उधर, मलनाथ और नकुलनाथ के दिल्ली में होने के चलते उनके समर्थकों का भी दिल्ली पहुंचने का सिलसिला जारी है। वहीं नेताओं के अलग-अलग आ रहे बयानों ने राज्य के कांग्रेस समर्थकों को असमंजस में डाल रखा है । हर कोई एक ही सवाल कर रहा है कि क्या कमलनाथ वाकई में भाजपा में जाएंगे या कांग्रेस में ही रहेंगे।