जिंदगी और मौत की जंग जीती मर्दानी, हार नहीं मानी फिर भारत जोड़ो यात्रा में पूर्व सीएम ने की मदद, जानें पूरा वाक्या

जब अपने किसी आदर्श पुरुष के अभियान का हिस्सा बनने में फैसला पूरे मनोयोग से कर लें, तो कोई बाधा उसके आगे बढ़ने में नहीं आ सकती। कुछ ऐसा ही जज़्बा छत्तीसगढ़ की क्रांति बंजारे में दिखी।

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  • Publish Date - December 2, 2022 / 07:18 PM IST

भोपाल। जब अपने किसी आदर्श पुरुष के अभियान का हिस्सा बनने में फैसला पूरे मनोयोग से कर लें, तो कोई बाधा उसके आगे बढ़ने में नहीं आ सकती। कुछ ऐसा ही जज़्बा छत्तीसगढ़ की क्रांति बंजारे में दिखी। जब यहां से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए निकली। उसने तय कर लिया और आखिकार वह कन्याकुमारी से इस विशाल जनसमूह वाले यात्रा में शामिल हो गई। पूरे जोश और उमंग के साथ राहुल के साथ चलती रही। इस लम्बे यात्रा के सफर पर कभी कभार क्रांति को पेट में दर्द हो रहा था। लेकिन जैसे ही यात्रा मध्य प्रदेश आई तो दर्द असहनीय हो गया। आखिरकार इंदौर में इसकी जानकारी पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को हुई तो उन्होंने महिला को एक निजी अस्पताल में अपनी देखभाल में भर्ती कराया जहां, डाक्टरों ने उसे बताया की उसके पेट में 4 और एक स्टोन किडनी में है।
इसके बाद आपरेशन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मौके पर मौजूद रहे। तब तक जमे रहे जब तक आपरेशन पूरा नहीं हो गया।आपरेशन के बाद क्रांति बंजारे ने कहा एक परिवार की तरह उन्होंने मेरा ख्याल रखा।

सुनिए, महिला की जुबानी

मेरा नाम क्रांति बंजारे है। मैं छत्तीसगढ़ के राजनादगांव जिले के कोपेडी गांव की रहने वाली हूं।यात्रा जैसे ही इंदौर पहुंची तो मुझे फिर इतना तेज दर्द हुआ कि सहन करना मुश्किल था। मेरी तबीयत खराब होने की जानकारी जैसे ही दिग्विजय सिंह को लगी उन्होंने मुझे इंदौर के अरविंदो हॉस्पिटल भिजवाया। दिग्विजय सिंह की निगरानी में मेरे टेस्ट हुए। 29 नवंबर को मेरी सर्जरी हुई। किडनी और गाल ब्लैडर से दो-दो स्टोन निकले। सर्जरी के बाद जब मैं आईसीयू से बाहर आई तो मेरे सामने दिग्विजय सिंह खड़े थे। एक पल के लिए मुझे लगा कि मेरे पिता मेरे सामने खड़े हैं। पूरे समय उन्होंने मेरी हालत पर नजर रखी। डॉक्टरों से और फिर मुझसे हालचाल पूछते रहे।