मप्र में शिक्षा बनेगी ग्राम सभाओं का एजेंडा

By : dineshakula, Last Updated : March 3, 2023 | 1:21 pm

भोपाल, 3 मार्च (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सभी बच्चों के स्कूल तक न पहुंचने की चिंता सभी को है, यही कारण है कि अब इसमें ग्रामीण इलाकों के जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जा रहा है। साथ ही इस बात के प्रयास हो रहे हैं कि ग्राम सभाओं का एजेंडा बने शिक्षा। पंचायत प्रतिनिधियों की राजधानी में बैठक हुई, इस बैठक में सीहोर, देवास, झाबुआ के लगभग 60 पंचायत सदस्य, स्कूली शिक्षा, संभावनाओं और चुनौतियों के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए उपस्थित थे। सभी उपस्थित निर्वाचित प्रतिनिधियों ने कहा कि शिक्षा एक बच्चे के जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सबने विशेष रूप से कोविड के दौरान बच्चों को स्कूल लाने के लिए उनके और राज्य द्वारा किए गए प्रयासों को साझा किया।

मध्य प्रदेश के प्रमुख यूनिसेफ मार्गरेट ग्वाडा ने पंचायत निर्वाचित प्रतिनिधियों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि उनकी पंचायतों के सभी बच्चों का दाखिला स्कूल में हो। यह चुनौती है कि आने वाले छह माह में इन पंचायतों में कोई भी बच्चा ऐसा न हो जो स्कूल न जाता हो। शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और अपनी प्रतिबद्धता के साथ इसे अपनी पंचायतों में लागू करें।

यूनिसेफ द्वारा भारत ज्ञान विज्ञान समिति (बीजीवीएस) और यूथ फॉर चिल्ड्रेन नेटवर्क की साझेदारी में आयोजित इस बैठक में आशा मिश्रा ने कहा कि हम निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूप में यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारी पंचायत के सभी बच्चे स्कूल में हैं, पंचायतों में होने वाली ग्राम सभा में स्कूली शिक्षा एक मुद्दा हो सकती है, जो इन बैठकों का हिस्सा है। बच्चों को शिक्षा का अधिकार देना हमारा कर्तव्य है।

यूनिसेफ के शिक्षा विशेषज्ञ एफ ए जामी ने शिक्षा के अधिकार, स्कूली शिक्षा का समर्थन करने वाली राज्य की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए एक प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। साथ ही यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने चर्चा मे हिस्सा लिया।

निर्वाचित प्रतिनिधियों ने वादा किया कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएंगे कि उनकी पंचायतों में आने वाले छह महीनों में कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर न रहे। आने वाली ग्राम सभा में शिक्षा का एजेंडा होगा और वे सब स्कूल प्रबंधन समितियों और बाल सभाओं में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।