पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति का प्रसार हो रहा है : सीएम मोहन यादव

By : hashtagu, Last Updated : February 16, 2025 | 10:51 am

भोपाल, (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) ने शनिवार को उज्जैन में यूनाइटेड कॉन्शसनेस ग्लोबल कॉन्क्लेव-2025 का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया का एक प्रमुख आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बाबा श्री महाकाल की नगरी इस आयोजन की मेजबानी कर रहा है। यह भूमि वेदों, पुराणों और योग परंपरा से समृद्ध रही है। आज हम सभी यहां इसी परंपरा को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने के लिए एकत्रित हुए हैं।

मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि यह दौर युद्ध का नहीं, शांति का है। उनका यह विचार आज के समय की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता को इंगित करता है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह युग संभवतः सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण रहा है, जहां युद्ध, गृहयुद्ध, आतंकवाद और आपसी वैमनस्य ने विश्व को तनावग्रस्त बना दिया है। हमें विचार करना होगा कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को कैसी दुनिया सौंप रहे हैं, एक विभाजित, हिंसाग्रस्त समाज या शांति, समरसता और आध्यात्मिक चेतना से ओत-प्रोत संसार?

उन्होंने कहा कि सनातनी मूल्यों से प्रेरित यूनाइटेड कॉन्शसनेस ग्लोबल कॉन्क्लेव जैसे आयोजन संपूर्ण मानवता के कल्याण एवं विश्व शांति के लिए प्रभावी मंच हो सकते हैं। यूनाइटेड कॉन्शसनेस ग्लोबल कॉन्क्लेव एकात्म चेतना के माध्यम से शांति की संस्कृति की स्थापना करेगा। इस मंच पर 21 से अधिक देशों के विद्वान, संत, मनीषी, आध्यात्मिक शिक्षक, कोच और विचारक एकत्रित हुए हैं, जो इस विषय पर अपने विचार साझा कर रहे हैं।

कालिदास अकादमी उज्जैन में आयोजित यूनाइटेड कॉन्शसनेस कॉनक्लेव- 2025 में उन्होंने कहा कि हमारा शरीर पंचमहाभूत से बना है। प्रकृति में जो पांच तत्व मौजूद हैं, वही हमारे शरीर में भी विद्यमान हैं। इस सृष्टि में जीवन की उत्पत्ति सर्वप्रथम जल में ही हुई थी, इसीलिए जल के प्रति हम सब जीवों में एक स्वाभाविक सी ललक रहती है। जल हमें सुकून देता है। स्नान से हमें मानसिक शांति प्राप्त होती है। साथ ही शरीर में स्फूर्ति का संचार होता है। जल स्रोत नदी, समुद्र, तालाब आदि हमें शुरू से ही आकर्षित करते आ रहे हैं। आज कार्यक्रम में संसार के विभिन्न जल स्रोतों से जल प्राप्त हुआ है। जल विश्व को सनातन संस्कृति की परंपरा अनुसार, एक सूत्र में पिरोता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति का पूरी दुनिया में जोर-शोर से प्रचार हो रहा है। वर्तमान में प्रयागराज में महाकुंभ पर्व का आयोजन किया जा रहा है जिसमें स्नान कर देश-विदेश से आए श्रद्धालु पुण्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उज्जैन की इस पवित्र भूमि पर एकात्मक चिंतन के इस शिविर में 21 से अधिक देशों के डेलिगेट्स आए हैं। यहां पर भी सनातन परंपरा के चिंतन को लेकर विचार-विमर्श किया जा रहा है। उज्जैन में वैचारिक महाकुंभ का आयोजन किया गया है। यह कॉन्क्लेव केवल संवाद या चर्चा का मंच नहीं है, बल्कि यह गहन विमर्श का एक केंद्र बनेगा, जिससे न केवल ज्ञान का विस्तार होगा, बल्कि मानवता के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त होगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय जीवन मूल्यों का “वसुधैव कुटुंबकम” का संदेश विभिन्न देशों और संस्कृतियों के मध्य शांति और सौहार्द्र स्थापित करेगा। भारत भूमि योग, ध्यान, वेदांत और धर्म के माध्यम से शांति, सहिष्णुता और सह-अस्तित्व का संदेश देती रही है। यह कॉन्क्लेव भारत की प्राचीन संस्कृति, योग और अध्यात्म को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का एक अद्भुत अवसर है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कार्यक्रम में श्वेता तोमर की पुस्तक “वैदिक पेरेंटिंग” का विमोचन किया। पुस्तक भारतीय सनातन दर्शन को समाहित कर पेरेंटिंग के बारे में जानकारी प्रदान करती है। कार्यक्रम में 5 महाद्वीप एवं 21 से अधिक देशों में प्रवाहमान नदियों के जल को एक बड़े पात्र में इकट्ठा कर मुख्यमंत्री को जलाभिषेक के लिए दिया गया।

कार्यक्रम में विश्व के 21 से अधिक देशों से लाई गई मिट्टी से धरती माता का मॉडल भी बनाया गया। कालिदास संस्कृति अकादमी में हुए कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री और कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री गौतम टेटवाल, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव एवं 21 से अधिक देशों के डेलीगेट्स उपस्थित रहे।