मप्र में आजीविका मिशन ने बदली महिलाओं की जिंदगी
By : hashtagu, Last Updated : November 16, 2022 | 9:08 pm
स्थानीय प्रशासन तथा पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बहुत उपयोगी सिद्ध होती है। मुझे बताया गया है कि मध्य प्रदेश में लगभग सत्रह हजार से अधिक बहनें पंचायतों के लिए चुनी गई हैं, तथा कुशलता-पूर्वक स्थानीय नेतृत्व प्रदान कर रही हैं। pic.twitter.com/DqMkRpajVl
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 16, 2022
गुना जिले के भरतपुर की अनीता पटेलिया नाम की महिला की कहानी बड़ी रोचक है। अनीता सहयोग संकुल स्तरीय संगठन की अध्यक्ष हैं। उन्होंने बताया कि आजीविका मिशन से जुड़ने से पहले वह अपने परिवार के साथ मिलकर मजदूरी करती थीं। आजीविका मिशन से उन्होंने कर्ज लिया और एक भैंस खरीदी, दूध बेचकर उन्होंने कर्ज चुका दिया। इसके बाद उन्होंने आटा चक्की के लिए कर्ज लिया, गांव के लोग बाहर आटा पिसाने जाते थे तो एक तरफ जहां लोगों की समस्याएं कम हुईं तो वहीं उनका भी आय का जरिया बना। उन्होंने यह कर्ज भी चुका दिया। तीसरा कर्ज उन्होंने पति के ट्रैक्टर के लिए लिया, जिससे पति को भी रोजगार मिल गया। आज उनका परिवार हर महीने 50 हजार रुपये तक कमा रहा है।
इसी तरह की कहानी शहडोल के गोहपारू की फूलवती की है, जो संकुल स्तरीय संगठन की अध्यक्ष हैं। उन्होंने बताया कि उनके संगठन में 35 गांव आते हैं। वह 35 ग्राम संगठनों की अध्यक्ष हैं और हर महीने हर गांव में जाती हैं। इसमंे 5900 महिलाएं उनके साथ हैं। ये महिलाएं जो ठान लेते हैं, वह करके दिखाती हैं। उन्होंने जिला पंचायत का चुनाव जीता और उपाध्यक्ष बनीं। चुनाव के दौरान वह पैदल गांव-गांव में घूमीं।
आजीविका मिशन से जुड़ी बड़ी संख्या में महिलाओं की आर्थिक स्थिति में बदलाव आया है और यह साफ नजर भी आने लगा है। महिलाओं की जिंदगी में बदलाव के इन किस्सों को सुनकर हर कोई रोमांचित है।