भोपाल (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के नतीजों पर दलित वोट बैंक असर डालने वाला है। इस बात से भाजपा वाकिफ है। लिहाजा उसने इस वर्ग को साधने के लिए कवायद तेज कर दी है और संत रविदास यात्रा निकालने का फैसला लिया है।
भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। जिनमें एक बड़ा मुद्दा दलित मतदाताओं का भी था। इस बैठक में पार्टी ने अपनी रणनीति के मुताबिक तय किया है कि राज्य के पांच अलग-अलग स्थानों से संत रविदास यात्रा निकाली जाएगी। फिलहाल तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है। मगर यह तय हुआ है कि सभी यात्राएं 12 अगस्त को सागर पहुंचेंगी।
सूत्रों की मानें तो इन यात्राओं में अलग-अलग स्थानों से मिट्टी और जल एकत्रित किया जाएगा और सागर लाया जाएगा, जहां 100 करोड़ रुपए की लागत से संत रविदास मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। इसके पीछे पार्टी का मकसद इस वर्ग के लोगों को अपने करीब लाना है। पार्टी ने तय किया है कि इन यात्राओं में प्रमुख नेता भी हिस्सा लेंगे और केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को जनता के बीच प्रभावशाली ढंग से उठाएंगे।
इसके साथ ही युवा मोर्चा और महिला मोर्चा भी यात्राएं निकालेंगी। इन यात्राओं में बड़ा मुद्दा लाडली बहना योजना रहेगा। जिससे हर किसी को अवगत कराया जाएगा। राज्य की दलित राजनीति पर गौर किया जाए तो 230 विधानसभा सीटों में से 35 सीटें ऐसी हैं, जो इस वर्ग के लिए आरक्षित हैं। राज्य में इस वर्ग के कुल मतदाता लगभग 16 फ़ीसदी हैं। लिहाजा भाजपा की कोशिश है कि इन मतदाताओं को किसी भी तरह अपने पक्ष में एकजुट किया जाए।