MP: उम्मीदों के पंख पर विकास की गौरव गाथा लिख रहा मध्यप्रदेश, पढि़ए कैसे संभव हो रहा ये सब

संभावनाशील और अद्भुत प्रदेश मध्यप्रदेश के नागरिक होने का हमें गर्व है। मध्यप्रदेश के 67वें स्थापना दिवस मनाया गया।

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  • Updated On - November 1, 2022 / 01:01 PM IST

भोपाल। संभावनाशील और अद्भुत प्रदेश मध्यप्रदेश के नागरिक होने का हमें गर्व है। मध्यप्रदेश के 67वें स्थापना दिवस मनाया गया। मध्यप्रदेश ने विकास और समृद्धि की एक लंबी यात्रा तय की है। इस यात्रा में हर वर्ग के नागरिकों का सहयोग और योगदान रहा है। विकास की इस यात्रा में नागरिकों ने कई चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया और सरकार के सहयोग से नए रास्ते और नए विकल्प खोज लिए। प्रदेश का स्थापना दिवस हमारे लिए एक उत्सव है। नागरिक स्वस्थ रहें, खुशहाल रहें और हर मुसीबत से दूर रहे। मध्यप्रदेश आत्म-निर्भर बनते हुए आर्थिक समृद्धि की राह पर आगे बढ़ रहा है। विकास के हर क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है।

अर्थ-व्यवस्था में हर क्षेत्र और वर्ग की उत्साहपूर्वक भागीदारी हो रही है। यही कारण है कि कोविड-19 से उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों में भी मध्यप्रदेश की अर्थ-व्यवस्था न सिर्फ स्थिर रही बल्कि और मजबूती से आगे बढ़ी। अभी समृद्धि का लंबा सफर तय करना है। हमारी अर्थ-व्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें पूरी तैयारी रखना है। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दूरगामी सोच और कारगर निर्णय है।

पीएम मोदी के सपनों को साकार करने के रास्ते पर प्रदेश

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का सपना है कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाएं। जिसमें हर वर्ग को विकास का लाभ मिल सके। मध्यप्रदेश इस उद्देश्य को पूरा करने में अपना योगदान देने के लिए निरंतर परिश्रम कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास के हर क्षेत्र के लिए योजनाएँ बनाई हैं। आज हमें परिणाम मिलना शुरू हो गए हैं। हर वर्ग लाभान्वित हो रहा है। केंद्र सरकार की अनूठी योजनाएँ, उदार वित्तीय सहयोग और प्रदेश की नवाचारी विकास रणनीतियाँ मिल कर एक नया मध्यप्रदेश बनाने में सहयोगी साबित हुई हैं। मध्यप्रदेश की आर्थिक गतिशीलता में अब कोई बाधा नहीं रहेंगी।

मुख्यमंत्री की सोच है प्रदेश को डिजिटल इकोनामी बनाने की

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में दूरदर्शी नीतियों से कोरोना संक्रमण जैसे कठिन समय में अपनी क्षमता साबित कर दी है, जिससे अर्थ-व्यवस्था मजबूती से खड़ी रही। प्रदेश ने वैश्विक स्तर से उपजी चुनौतियों का भी पूरी क्षमता से सामना किया। प्रदेश को डिजिटल इकोनामी बनाने की राह चल पड़े हैं। हमें पारंपरिक पद्धतियों से हट कर आधुनिक पद्धतियों को अपनाना होगा। प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था को भी पूरी तरह से डिजिटाइज़ करने का यह अनुकूल समय है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश की अर्थ-व्यवस्था हर क्षेत्र में विस्तार ले रही है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे नए क्षेत्रों में भी निवेश हो रहा है। एमएसएमई क्षेत्र में तेजी से स्टार्ट-अप बढ़ रहे हैं। सकल राज्य घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय अभूतपूर्व रूप से बढ़ी है। अर्थ-व्यवस्था का आकार कई गुना बढ़ चुका है।