मध्य प्रदेश : रातापानी अभ्यारण्य टाइगर रिजर्व घोषित, पीएम मोदी ने पर्यावरण प्रेमियों के लिए बताया अद्भुत खबर
By : hashtagu, Last Updated : December 4, 2024 | 11:58 am
पीएम मोदी ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के एक्स पोस्ट को रीट्वीट करते हुए लिखा, “प्रकृति की देखभाल के हमारे सदियों पुराने लोकाचार के अनुरूप पर्यावरण प्रेमियों के लिए अद्भुत खबर। सामूहिक प्रयासों की बदौलत भारत में बाघों की आबादी समय के साथ बढ़ रही है और मुझे यकीन है कि आने वाले समय में भी यह जारी रहेगी।”
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “हम बाघों के संरक्षण में काफी प्रगति कर रहे हैं। भारत ने अपनी सूची में 57वां बाघ अभयारण्य जोड़ा है। सूची में शामिल होने वाला नवीनतम स्थान मध्य प्रदेश में रातापानी टाइगर रिजर्व है। यह उपलब्धि प्रधानमंत्री मोदी वन्य जीव संरक्षण का परिणाम है। बाघ संरक्षण की दिशा में अथक प्रयासों के लिए मैं राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए), मध्य प्रदेश के लोगों और देशभर के वन्यजीव प्रेमियों को भी बधाई देता हूं।”
वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक्स पोस्ट जानकारी साझा करते हुए लिखा, “मध्यप्रदेश को मिला आठवां टाइगर रिजर्व। प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी सोच और कुशल मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश ने पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक और मील का पत्थर स्थापित किया है। रायसेन जिले में स्थित रातापानी को अब प्रदेश का आठवां टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है। यह निर्णय न केवल बाघों की सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा, बल्कि जैव विविधता संरक्षण और पर्यावरण संतुलन को भी नई दिशा देगा।”
रायसेन और सीहोर जिलों में स्थित रातापानी वन्यजीव अभयारण्य मध्य प्रदेश में बाघों के एक महत्वपूर्ण आवास का हिस्सा है। प्रस्तावित रातापानी टाइगर रिजर्व का मुख्य क्षेत्र 763.812 वर्ग किलोमीटर और बफर क्षेत्र 507.653 वर्ग किलोमीटर है। इस प्रकार टाइगर रिजर्व का कुल रकबा 1271.465 वर्ग किलोमीटर होगा। रातापानी वन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सटे रायसेन जिले में स्थित है।
आपको बता दे कि कान्हा, सतपुड़ा, बांधवगढ़, पेंच, संजय डुबरी, पन्ना और वीरांगना दुर्गावती के बाद यह राज्य का आठवां बाघ अभयारण्य है।
मध्य प्रदेश में बाघों की आबादी 785 होने का अनुमान है, जो देश में सबसे अधिक है। इसके बाद कर्नाटक 563 और उत्तराखंड 560 का स्थान है।