MP में मार्च 2027 तक पूरा होगा जल जीवन मिशन: CM मोहन यादव का बड़ा ऐलान
By : hashtagu, Last Updated : December 11, 2025 | 2:40 pm
भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Mohan Yadav) ने जल जीवन मिशन को लेकर बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि राज्य इस मिशन को केंद्र सरकार की तय समयसीमा दिसंबर 2028 से पहले, मार्च 2027 तक पूरा कर देगा। लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग (PHE) की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी हालत में सीवरेज का दूषित पानी जल स्रोतों में नहीं मिलना चाहिए और इसके लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने मिशन के संचालन और संधारण के लिए मजबूत व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए ताकि किसी परिस्थिति में जल आपूर्ति बाधित न हो। उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले सरपंचों और महिला समूहों को राज्य, संभाग, जिला और ग्राम स्तर पर सम्मानित करने की घोषणा की। पिछले 10 वर्षों में जिन ग्रामों को जल संकट का सामना करना पड़ा है, उनकी रिपोर्ट तैयार कर उन क्षेत्रों में नियमित जल प्रदाय सुनिश्चित करने को कहा गया।
उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे ट्यूबवेलों की सूची बनाई जाए जिनमें वर्षभर पानी उपलब्ध रहता है और जरूरत पड़ने पर उन्हीं से जल आपूर्ति की व्यवस्था की जा सके। जल वितरण का समय जल उपलब्धता के अनुसार तय करने और मिशन के प्रभाव का विश्लेषण अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान से कराने की बात भी कही।
बैठक में बताया गया कि मध्य प्रदेश बोरवेल दुर्घटना रोकने के लिए कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य है। “स्वच्छ जल से सुरक्षा अभियान” में प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान मिला है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 12,990 करोड़ रुपए खर्च कर 92.89% लक्ष्य हासिल किया गया, जबकि 2025-26 में 6,016 करोड़ रुपए व्यय के साथ 35.11% प्रगति दर्ज की गई। प्रदेश के 21,552 ग्राम “हर घर जल” घोषित किए जा चुके हैं और 15,026 ग्रामों को प्रमाणित किया जा चुका है। समूह नल-जल योजनाओं से 3,890 ग्रामों में नियमित जल आपूर्ति शुरू हो चुकी है और एकल नल-जल योजनाएं भी 93% प्रगति पर हैं।
तकनीकी और डिजिटल मॉनिटरिंग को बढ़ावा देते हुए ‘जल रेखा’ मोबाइल ऐप से लगातार निगरानी की जा रही है। राज्य की सभी 155 प्रयोगशालाओं को एनएबीएल मान्यता मिल गई है। पंचायत दर्पण पोर्टल के माध्यम से डिजिटल जल-कर संग्रह शुरू किया गया है। इंदौर में IoT आधारित जल आपूर्ति मॉडल सफल साबित हुआ है और इसे अन्य जिलों तक विस्तार दिया जा रहा है।
ऊर्जा प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए 100 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना PPP मॉडल पर स्वीकृत की गई है, जिससे 25 वर्षों तक सस्ती ऊर्जा उपलब्ध होगी। 60 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजना की तैयारी भी जारी है। जलदर्पण पोर्टल और कॉल सेंटर के जरिए शिकायत निवारण की व्यवस्था मजबूत की गई है। फिलहाल 64 ग्रामों में 24×7 जल आपूर्ति का पायलट सफल रहा है, जिसे आगे बढ़ाया जाएगा।
भविष्य का प्लान
अगले तीन वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों के हर घर तक सुरक्षित नल-जल पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। जल स्रोतों का संरक्षण, निर्माण गुणवत्ता, डिजिटल प्रबंधन और ऊर्जा सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नए ग्राम, बस्तियों, स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों, स्वास्थ्य संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों में पेयजल सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी ताकि मध्य प्रदेश देश की सबसे मजबूत जल प्रदाय प्रणाली वाले राज्यों में शामिल हो सके।




