भोपाल 25 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में चुनाव (Elections in madhya pradesh) से पहले दल-बदल का खेल जारी है और कई नेता अपने भविष्य की तलाश में पाला बदलने में जुटे हुए हैं। कांग्रेस का सबसे ज्यादा ध्यान ग्वालियर-चंबल इलाके में भाजपा (BJP in Gwalior-Chambal region) छोड़ने वालों पर है। यही कारण है कि पार्टी न केवल वहां के असंतुष्ट भाजपाइयों पर नजर रखे हुए है, बल्कि उन्हें अपने से जुड़ने की कोशिश में लगी है। आने वाले दिनों में इस इलाके में भाजपा को कई और झटके लगने की आशंकाएं जताई जा रही हैं।
सियासत में दलबदल आम है मगर जब चुनाव होते हैं तो यह सिलसिला तेज गति पकड़ लेता है। मध्यप्रदेश में भी ऐसा ही कुछ है। चुनाव इसी साल होना है और राजनेताओं को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है। इसी का नतीजा है कि बीते लगभग एक माह में भाजपा और कांग्रेस दोनों में ही दलबदल हुआ है मगर दलबदल करने वाले ज्यादा लोग भाजपा के हैं जिन्होंने कांग्रेस का दामन थामा है।
ग्वालियर चंबल क्षेत्र से नाता रखने वाले यादवेंद्र सिंह यादव, बैजनाथ सिंह यादव के अलावा कई नेताओं ने कांग्रेस का दामन थामा है और कहा यह जा रहा है कि और भी कई लोग इस इलाके के कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। इसकी वजह भी है क्योंकि सिंधिया के करीबी और शिवपुरी की भाजपा इकाई के उपाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने बीते रोज ही पार्टी से इस्तीफा दिया है।
कांग्रेस के नेता लगातार यह बात कह रहे हैं कि भाजपा के कई नेता उनके संपर्क में हैं और कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं। यह बात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कही है, साथ में उन्होंने जोड़ा है कि बीजेपी से आने वालों को मैंने कहा है कि स्थानीय कांग्रेस से चर्चा करें, कांग्रेस में हेलीकॉप्टर लैंडिंग नहीं होगी।
यहां हम आपको बता दें कि ग्वालियर-चंबल इलाका केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव का क्षेत्र है। सिंधिया ने कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा की सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाई लिहाजा कांग्रेस भी चुनाव से पहले उस क्षेत्र में सिंधिया को कमजोर करना चाह रही है।
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