MP में बड़ा विवाद: मंत्री इंदर सिंह परमार बोले—“राजा राम मोहन राय अंग्रेजों के दलाल थे”, बयान का वीडियो वायरल

इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। इतिहासकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इसे भ्रामक और तथ्यों से परे बताया है।

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  • Publish Date - November 15, 2025 / 11:09 PM IST

आगर मालवा / भोपाल: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के एक विवादित बयान ने प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है। बिरसा मुंडा जयंती के कार्यक्रम में भाषण देते हुए परमार ने कहा कि राजा राम मोहन राय (Raja Rammohan Roy) अंग्रेजों के “दलाल” के रूप में काम कर रहे थे और देश को जातियों में बांटने का काम कर रहे थे। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

15 नवंबर 2025 को आगर मालवा में आयोजित कार्यक्रम में परमार ने दावा किया कि ब्रिटिश शासन के दौरान पश्चिम बंगाल में अंग्रेजी शिक्षा के माध्यम से आस्था बदलने का औपनिवेशिक अभियान चलाया जा रहा था।
उन्होंने कहा—
“अंग्रेजों ने कई लोगों को समाज सुधारक बनाकर पेश किया, जिनमें राजा राम मोहन राय भी शामिल थे। वह अंग्रेजों के दलाल के रूप में कार्यरत रहे। धर्मांतरण की जो प्रक्रिया उन्होंने बढ़ाई, उसे बिरसा मुंडा ने रोकने का काम किया।”

इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। इतिहासकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इसे भ्रामक और तथ्यों से परे बताया है।

राजा राम मोहन राय कौन थे?
राजा राम मोहन राय को भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत और Father of Modern India माना जाता है।

  • जन्म: 22 मई 1772, राधानगर (हुगली), पश्चिम बंगाल

  • 1816 में अंग्रेजी में पहली बार “Hindutva” शब्द का उल्लेख

  • ब्रह्म समाज आंदोलन की स्थापना—सती प्रथा, बाल विवाह और कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष

  • 1830 में सती प्रथा पर लगे प्रतिबंध को सुरक्षित रखने के लिए ब्रिटेन गए

  • उनकी पहल पर Calcutta Hindu College, Anglo-Hindu School और Vedanta College की स्थापना

  • 1983 में ब्रिटेन के ब्रिस्टल म्यूज़ियम में उन पर विशेष प्रदर्शनी आयोजित

मंत्री परमार के बयान के बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला तेज कर दिया है, जबकि वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है।