मप्र के विवि हर साल पांच-पांच गांव गोद लेंगे

By : hashtagu, Last Updated : December 8, 2022 | 9:13 pm

भोपाल, 8 दिसंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शासकीय और निजी विश्वविद्यालय (Universities) हर वर्ष पांच-पांच गांव गोद लेकर स्वास्थ्य, स्वच्छता और सामुदायिक सेवा के कार्यों का संचालन करें। यह निर्देश राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राजभवन के सांदीपनि सभागार में समन्वय समिति की 100 वीं बैठक को संबोधित करते हुए दिए।

राज्यपाल पटेल ने कहा है कि सभी निजी और शासकीय विश्वविद्यालय अधिक से अधिक रोजगारमूलक पाठ्यक्रम संचालित करें। पाठ्यक्रमों की उच्च गुणवत्ता के मानकों का कड़ाई से पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह में निजी कंपनी और उद्योगों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाए। कुलपति का नाम कुलगुरू किए जाने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि शासकीय और निजी विश्वविद्यालय हर वर्ष पांच-पांच गाँव गोद लेकर स्वास्थ्य, स्वच्छता और सामुदायिक सेवा के कार्यों का संचालन करें। राष्ट्रीय सेवा योजना और सामुदायिक सेवा के कार्यों के समान ही रेडक्रॉस सोसायटी के साथ समन्वय कर, मानवता की सेवा के कार्यों में योगदान दें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के द्वारा युवाओं को जमीन से जुड़े रहते हुए अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिए सक्षम बनने का अवसर दिया है। नीति के प्रभावी और एकीकृत क्रियान्वयन के लिए विश्वविद्यालय अधिनियमों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप संशोधन का कार्य समय-सीमा में पूरा किया जाए। निजी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति, कुलपति और गवनिर्ंग कॉउन्सिल में अधिकारियों के समय-सीमा में नामांकन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। आवश्यक होने पर प्रक्रिया और नियमों में संशोधन किया जाए।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों का देश-दुनिया में नाम हो। सभी विश्वविद्यालयों की उत्कृष्ट शिक्षा केन्द्र के रूप में पहचान बने। इसके लिए एकजुट और एकरूपता के साथ प्रयास किये जायें। निर्धारित कैलेंडर के अनुसार प्रवेश, परीक्षा और परिणाम घोषित हों।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय काम के आधार पर पहचान बनायें। विश्वविद्यालय क्षेत्रीय संसाधन और संभावनाओं से सम्बद्ध जैसे वनांचल में वन, दर्शनीय क्षेत्रों में पर्यटन संबंधी और औद्यौगिक क्षेत्र में उद्योगों के अनुरूप पाठ्यक्रम संचालित करें।

बैठक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निदेर्शानुसार कुलपति की नियुक्ति संबंधी प्रावधान किये जाने का निर्णय लिया गया और आवश्यक होने पर विश्वविद्यालय के अधिनियमों में संशोधन किया जाएगा। यह भी तय किया गया कि विश्वविद्यालय में स्व-वित्तीय पाठ्यक्रम संचालित करने के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति में विचार किया जाये। बताया गया कि एकीकृत केन्द्रीय अध्ययन मंडल गठित कर स्नातक स्तर पर 84 विषय के पाठ्यक्रम विभागीय वेबसाइट पर प्रदर्शित कर दिए गए हैं।