छिंदवाड़ा में नाथ परिवार बना श्रीराम महोत्सव का हिस्सा, भाजपा ने ली चुटकी
By : hashtagu, Last Updated : January 12, 2024 | 10:28 am
कांग्रेस के उन नेताओं में कमलनाथ की गिनती होती है] जो हिंदुत्व और सनातन की बात करने में पीछे नहीं रहते । इसके साथ ही वे धार्मिक अनुष्ठान भी करते है। छिदवाड़ा के सिमरिया में तो उन्होंने हनुमान की विशालकाय प्रतिमा स्थापित कराई है। अब उनका श्रीराम महोत्सव में हिस्सा लेना चर्चाओं में है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ व सांसद नकुलनाथ ने सिद्ध सिमरिया धाम पहुंचकर संकट मोचन हनुमान के दरबार में पहुंचकर माथा टेका। उसके बाद मंदिर परिसर में मारुति नंदन सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित श्री राम महोत्सव के कार्यक्रम में सम्मिलित हुये। कमलनाथ व नकुलनाथ ने कार्यक्रम के मंच से पवित्र राम नाम पत्रकों पर 108 बार राम नाम लिखने के उपरांत पत्रक आयोजन समिति के उपस्थित सदस्य को सौंपा।
विदित हो कि महोत्सव में पत्रकों पर राम नाम लेखन, राम नाम जाप, भंडारा व राम रक्षा स्त्रोतम का वितरण किया जा रहा है। इस महोत्सव में चार करोड़ 31 लाख राम नाम लेखन किया गया है।
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि राम काज करने के लिये भी प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद प्राप्त होना नितांत आवश्यक है। दो धार्मिक कथायें भी ईश्वर की असीम कृपा से ही सम्पन्न हुई हैंं, जिसका पुण्य लाभ जिले की धर्मप्रेमियों ने अर्जित किया। धार्मिक आयोजन व अनुष्ठान ईश्वर की कृपा से ही सम्पन्न होते हैं मनुष्य मात्र एक माध्यम है। हमारी धार्मिक भावना है कि जिले में ऐतिहासिक श्रीराम महोत्सव मनाया जाये और प्रभु श्रीराम की कृपा से यह संभव हो पाया है। किसी की सलाह अथवा दबाव में आकर आयोजन नहीं कर रहे।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता गोविंद मालू ने छिंदवाड़ा के राम महोत्सव को लेकर कमलनाथ पर तंज सकते हुए एक्स पर लिखा, कमलनाथ जी आप विभीषण क्यों बन रहें हैं, आपको 108 बार राम नाम लिखने की सजा मिलेगी। आपका माशाअल्लाह, आला कमान राम से परहेज करता रहा, चाहे प.नेहरू नें दिसंबर 1949 में रामलला की प्रतिमा हटाने के आदेश दिए हों, या कार सेवकों पर गोली चलाने की या राम को काल्पनिक बताने की, राम सेतु के अस्तित्व को नकारने की या चुनी हुई सरकारों को राम के नाम पर बर्खास्त करने की।
उन्होंने आगे लिखा, क्यों पंगा ले रहे हो विभीषणनाथ जी सपूत के साथ।लगता है लंका दहन की ज्वाला जग गई आपमें। रामजी करेंगे बेड़ा पार भी, बेड़ा गर्क भी।