भोपाल/सतना, 16 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश सरकार ने राम वन पथ गमन मार्ग (Ram Van Path Gaman Marg) का अयोध्या की तरह विकास किए जाने की तैयारी की है। चित्रकूट के ग्रामोदय विश्वविद्यालय सभागार में मंगलवार को श्रीरामचंद्र पथ गमन न्यास की प्रथम बैठक आयोजित की गई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि चित्रकूट सहित राम वन पथ गमन मार्ग के सभी प्रमुख स्थलों का विकास किया जाएगा। इसके लिए पूरी कार्य योजना बनाकर उसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इसमें अधोसंरचना विकास के कार्यों के साथ-साथ धार्मिक चेतना, आध्यात्मिक विकास और रामकथा से जुड़े आयामों को भी शामिल किया जाएगा। चित्रकूट का अयोध्या की तरह विकास करके इसे भगवान राम के जीवन से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बनाया जाएगा।
विद्वानों के परामर्श से राम वन पथ गमन के प्रमुख स्थलों का विकास किया जाएगा। चित्रकूट के दिवाली मेले तथा अमावस्या मेले में रामकथा और राम के जीवन से जुड़ी प्रदर्शनी एवं राम वन पथ गमन से जुड़ी जानकारियां प्रदर्शित कराएं। इनका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें।
बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के मंदिरों की पुस्तक का विमोचन किया। इसमें 155 प्रमुख मंदिरों के छायाचित्र तथा 6800 राम मंदिरों की जानकारी संकलित है। बैठक में प्रमुख सचिव धर्मस्व तथा संस्कृति शिवशेखर शुक्ला ने राम वन पथ गमन के लिए तैयार की गई कार्य योजना की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में राम वन पथ गमन मार्ग में 1450 किलोमीटर की दूरी शामिल है। इसमें 23 प्रमुख धार्मिक स्थल है, जिनमें सतना, पन्ना, कटनी, अमरकंटक, शहडोल, उमरिया आदि स्थल शामिल हैं। बैठक में धर्मस्व राज्यमंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, राज्यमंत्री नगरीय विकास एवं आवास प्रतिमा बागरी, सांसद गणेश सिंह, डॉ. जितेंद्र जामदार अन्य अधिकारी एवं न्यास के सदस्यगण उपस्थित रहे।