रीवा/भोपाल: मध्य प्रदेश में आयोजित म.प्र. टूरिज्म बोर्ड (MP Tourism) के दो दिवसीय रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव का समापन सफलतापूर्वक हुआ। इस दौरान पर्यटन, निवेश, संस्कृति और कनेक्टिविटी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श हुआ। विशेष रूप से विंध्य क्षेत्र में पर्यटन के विकास पर जोर दिया गया।
उद्घाटन सत्र में उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि मध्य प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में असीमित संभावनाएं हैं और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में पर्यटन को मजबूत करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। शुक्ल ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में उद्योगों के साथ जुड़ने से क्षेत्र का समग्र विकास संभव है। उन्होंने विंध्य की धरोहर और संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की आवश्यकता जताई।
पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि पर्यटन उद्योग वैश्विक अर्थव्यवस्था में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी के विस्तार के साथ-साथ हेली सेवा की शुरुआत जल्द की जाएगी। साथ ही पर्यटन निवेश के लिए सरकार सिंगल विंडो सिस्टम के तहत सुविधाएं उपलब्ध करा रही है।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति शिव शेखर शुक्ला ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाले पर्यटन कॉरिडोर के बारे में जानकारी दी। इस परियोजना से दोनों राज्यों के बीच पर्यटन सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
एमपीएसटीडीसी के प्रबंध संचालक डॉ. इलैयाराजा टी ने पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं की मजबूती पर बात की और कहा कि वे पर्यटकों को बेहतर अनुभव देने के लिए ईको सिस्टम डेवलप कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड की अपर प्रबंध संचालक सुश्री बिदिशा मुखर्जी ने पर्यटन क्षेत्र को जिम्मेदार, समावेशी और सतत रूप से विकसित करने की दिशा में काम करने की बात की।
रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव के दौरान आयोजित प्रदर्शनी में राज्य की समृद्ध हस्तशिल्प, कला और पर्यटन सेवाओं को प्रस्तुत किया गया। प्रदर्शनी में धोकरा क्राफ्ट, बुंदेली पेंटिंग, टेराकोटा क्राफ्ट और अन्य पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन किया गया।
इस आयोजन में पर्यटन और निवेश के क्षेत्र के कई विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे और मध्य प्रदेश को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभरने की संभावना पर चर्चा की।