बीड़ (महाराष्ट्र): महाराष्ट्र के बीड़ जिले (Beed distirct) के नागापुर गांव में पढ़ाई को बढ़ावा देने और बच्चों की मोबाइल-टीवी की लत कम करने के लिए एक अनोखी पहल की जा रही है. गांव में रोजाना शाम ठीक 7 बजे सायरन बजता है, जिसके बाद घरों में टीवी बंद कर दिए जाते हैं और बच्चे मोबाइल से दूर होकर किताबों के साथ पढ़ाई में जुट जाते हैं.
यह पहल गांव के उपसरपंच संतोष सोलनके की सोच से शुरू हुई, जिन्होंने दूसरे जिलों में हुए सफल प्रयोगों से प्रेरणा लेकर इसे नागापुर में लागू किया. सायरन बजने का मतलब है कि अगले दो घंटे केवल पढ़ाई के लिए होंगे. इस दौरान बच्चों के साथ-साथ परिवार के अन्य सदस्य भी उन्हें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
योजना को प्रभावी बनाने के लिए गांव में एक समिति बनाई गई है, जो समय-समय पर घरों का दौरा कर यह देखती है कि नियमों का पालन हो रहा है या नहीं. पंचायत सदस्य और स्वयंसेवक सप्ताह में दो बार निरीक्षण करते हैं. नियमित रूप से पढ़ाई करने वाले बच्चों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित भी किया जाता है, जिससे उनमें उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ रहा है.
ग्रामीणों का कहना है कि इस पहल का असर साफ दिखाई दे रहा है. बच्चों का स्क्रीन टाइम काफी कम हुआ है और पढ़ाई में उनकी रुचि बढ़ी है. कई माता-पिता बताते हैं कि अब बच्चे खुद शाम होते ही टीवी बंद करने और पढ़ाई शुरू करने की याद दिलाते हैं.
गांव का उद्देश्य है कि इस अभ्यास से बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेहतर तैयारी कर सकें और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ें. नागापुर की यह पहल अब आसपास के गांवों के लिए भी मिसाल बनती जा रही है.