पालघर : महाराष्ट्र के पालघर जिले (Palghar district) में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के चलते एक गर्भवती महिला ने एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया। वाडा ग्रामीण अस्पताल से ठाणे सिविल अस्पताल ले जाते समय यह घटना हुई। डॉक्टरों की तत्परता और सूझबूझ के चलते मां और नवजात दोनों सुरक्षित हैं।
25 वर्षीय कैलानी भोंये को प्रसव पीड़ा के साथ 13 दिसंबर की सुबह वाडा ग्रामीण अस्पताल लाया गया था। अस्पताल के डॉक्टरों ने जांच के दौरान पाया कि शिशु की धड़कन अनियमित थी और उसने गर्भ में ही मल त्याग कर दिया था, जो आमतौर पर बच्चे के संकट का संकेत होता है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, डॉक्टरों ने तुरंत महिला को 75 किलोमीटर दूर ठाणे सिविल अस्पताल रेफर करने का फैसला किया।
महिला को पूरी तरह सुसज्जित एंबुलेंस से ठाणे ले जाया जा रहा था, जिसमें एक डॉक्टर भी मौजूद थे। लेकिन खराब सड़कों और उबड़-खाबड़ रास्तों के कारण यात्रा के सिर्फ 10 किलोमीटर बाद ही महिला को प्रसव पीड़ा तेज हो गई। डॉक्टर ने एंबुलेंस में ही सुरक्षित तरीके से बच्चे का जन्म करवाया।
प्रसव के तुरंत बाद, एंबुलेंस मां और बच्चे को वापस वाडा ग्रामीण अस्पताल ले आई, जहां दोनों को आगे की चिकित्सा दी गई। वाडा अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. यादव शेकारे ने बताया कि मां और बच्चा दोनों खतरे से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में विशेष सुविधाओं की कमी है, बावजूद इसके यहां रोज़ाना छह प्रसव होते हैं, जिनमें दो से तीन सिजेरियन शामिल हैं।
डॉ. शेकारे ने खराब सड़कों और चिकित्सा सुविधाओं की कमी पर चिंता जताते हुए कहा कि दूरदराज़ के इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य ढांचे की ज़रूरत है। हालांकि, उन्होंने डॉक्टरों की तत्परता और सूझबूझ की तारीफ करते हुए कहा कि कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने मरीज की सुरक्षा को प्राथमिकता दी।
उन्होंने कहा, “डॉक्टरों ने बिना देरी किए महिला को बड़े अस्पताल रेफर किया। एंबुलेंस में डॉक्टर की मौजूदगी और उनकी कुशलता ने इस मुश्किल स्थिति में सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित किया।” अस्पताल लौटने के बाद, शिशु की स्वास्थ्य जांच के लिए तुरंत बाल चिकित्सक की टीम तैनात की गई।
यह घटना ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की खस्ता हालत और बुनियादी ढांचे में सुधार की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है।