एअर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट के टायर फटे, कोच्चि में सुरक्षित एहतियाती लैंडिंग; 160 यात्री पूरी तरह सुरक्षित

हालांकि, एयरलाइन प्रवक्ता ने साफ किया कि लैंडिंग गियर के अन्य हिस्सों में कोई तकनीकी खराबी नहीं पाई गई। इसी कारण इसे इमरजेंसी नहीं बल्कि precautionary landing बताया गया है।

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  • Publish Date - December 18, 2025 / 11:49 AM IST

कोच्चि | केरल: जेद्दा से कोझिकोड जा रही एअर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) की फ्लाइट में तकनीकी खराबी सामने आने के बाद बड़ा हादसा टल गया। गुरुवार को फ्लाइट IX 398 को कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एहतियातन उतारा गया। विमान में कुल 160 यात्री सवार थे और सभी सुरक्षित हैं। कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (CIAL) ने पुष्टि की कि लैंडिंग पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कराई गई।

एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, उड़ान के दौरान राइट मेन लैंडिंग गियर के टायर फेल होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद पायलट ने तुरंत कोझिकोड के बजाय कोच्चि की ओर विमान मोड़ने का फैसला लिया। सुबह 9:07 बजे विमान को सुरक्षित उतार लिया गया और पहले से सभी इमरजेंसी सेवाएं सक्रिय थीं।

Air India Emergency Landing

• फ्लाइट नंबर: Air India Express IX 398
• रूट: जेद्दा से कोझिकोड
• लैंडिंग स्थान: कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट
• विमान में सवार यात्री: 160
• किसी यात्री या क्रू मेंबर को चोट नहीं

लैंडिंग के बाद की गई जांच में सामने आया कि विमान के दाहिनी ओर के दोनों टायर फट चुके थे। हालांकि, एयरलाइन प्रवक्ता ने साफ किया कि लैंडिंग गियर के अन्य हिस्सों में कोई तकनीकी खराबी नहीं पाई गई। इसी कारण इसे इमरजेंसी नहीं बल्कि precautionary landing बताया गया है।

एविएशन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोझिकोड का करिपुर एयरपोर्ट एक टेबल टॉप एयरपोर्ट है, जहां इमरजेंसी लैंडिंग को जोखिम भरा माना जाता है। सुरक्षा कारणों से पायलट आमतौर पर ऐसे हालात में बड़े और सुरक्षित एयरपोर्ट को प्राथमिकता देते हैं।

• रनवे ऊंचे पठार पर स्थित, दोनों सिरों पर गहरी ढलान
• सीमित रनवे लंबाई, इमरजेंसी में रुकना चुनौतीपूर्ण
• ओवरशूट होने पर हादसे का खतरा
• खराब मौसम और कम विजिबिलिटी जोखिम बढ़ाती है
• कम सेफ्टी मार्जिन के कारण डायवर्जन बेहतर विकल्प

लैंडिंग के बाद सभी यात्रियों को एयरपोर्ट लाउंज में ठहराया गया है। एयरलाइन की ओर से आगे की यात्रा के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। फ्लाइट के रद्द होने की स्थिति में यात्रियों को सड़क मार्ग से कोझिकोड पहुंचाने की योजना है, जो कोच्चि से लगभग सात घंटे की दूरी पर है।

यह घटना एयर इंडिया एक्सप्रेस के सेफ्टी प्रोटोकॉल और समय पर लिए गए निर्णय का उदाहरण मानी जा रही है, जिससे एक संभावित बड़े हादसे को टाल दिया गया।