नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। हाल के महीनों में हवाई उड़ानों में यात्रियों द्वारा ‘असामान्य व्यवहार’ की घटनाओं और पायलटों सहित एयरलाइन (Airline) अधिकारियों द्वारा कॉकपिट प्रोटोकॉल के उल्लंघन ने महत्वपूर्ण चिंताओं को सामने ला दिया है।
ये परेशान करने वाली घटनाएं विमानन उद्योग के भीतर बेहतर सुरक्षा उपायों और नियमों के सख्त पालन की जरूरत को अंडरलाइन करती हैं।
ऐसी ही एक घटना जून में हुई थी, जब मुंबई से दिल्ली जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाट में एक पुरुष यात्री ने कथित तौर पर विमान के अंदर शौच और पेशाब करके साथी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को चौंका दिया था।
आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के मुताबिक, 24 जून को मुंबई से दिल्ली जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट एआईसी 866 में सीट नंबर 17एफ पर बैठे यात्री राम सिंह ने विमान की रॉ-9 में पेशाब किया और थूक दिया। सिंह उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल का निवासी है।
एफआईआर के अनुसार, इस दुर्व्यवहार को फ्लाइट के केबिन क्रू ने देखा और बाद में एक मौखिक चेतावनी जारी की। इसी के साथ यात्री को आसपास के यात्रियों से अलग कर दिया गया था।
फ्लाइट कैप्टन द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, इस घटना से विमान में सवार कई अन्य यात्रियों में आक्रोश फैल गया। कंपनी को एक तत्काल संदेश भेजा गया, जिसमें यात्री के आगमन पर सुरक्षा सहायता का अनुरोध किया गया।
एफआईआर में कहा गया है कि एयर इंडिया के सुरक्षा प्रमुख राजेंद्र कुमार मीना ने स्थिति पर ध्यान दिया और व्यक्तिगत रूप से यात्री की सुरक्षा की। इसके बाद, घटना की विस्तृत जानकारी वाली एक रिपोर्ट नई दिल्ली में आईजीआई हवाईअड्डे टी-3 के पास स्थानीय पुलिस स्टेशन को सौंपी गई।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि फ्लाइट कैप्टन की शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने आईजीआई पुलिस स्टेशन में धारा 294 और 510 के तहत मामला दर्ज किया। अधिकारी ने आगे कहा कि आरोपी यात्री को गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में अदालत में पेश किया गया। इसके बाद अदालत ने यात्री को जमानत दे दी। मामले में आगे की जानकारी और सबूत जुटाने के लिए फिलहाल जांच जारी है।
पिछले साल 26 नवंबर को अमेरिका स्थित एक कंपनी में सीनियर पद पर कार्यरत नशे में धुत शंकर मिश्रा ने न्यूयॉर्क से नई दिल्ली जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट में कथित तौर पर एक महिला यात्री की सीट पर पेशाब कर दिया था। एयर इंडिया ने इस मामले पर कार्रवाई करते हुए 20 जनवरी को मिश्रा पर चार महीने का उड़ान प्रतिबंध लगा दिया था।
घटना के बाद एयर इंडिया ने अपनी शराब सेवा नीति की समीक्षा करते हुए कहा कि केबिन क्रू को उन गेस्ट की पहचान करने पर ध्यान देना चाहिए जो अपनी शराब का सेवन कर रहे हों। घटना के परिणामस्वरूप, एयर इंडिया ने अपनी शराब सेवा नीति की गहन समीक्षा की है।
नई नीति के मुताबिक, केबिन क्रू को उन यात्रियों की पहचान करने में सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है जो खुद शराब का सेवन कर रहे हों। इसके अतिरिक्त, एयरलाइन इस बात पर जोर देती है कि केबिन क्रू सदस्यों को यात्रियों के साथ बातचीत करते समय विनम्र व्यवहार बनाए रखना चाहिए।
20 जनवरी को विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने यात्री के दुर्व्यवहार की एक घटना के बाद एयर इंडिया के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की और एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और उड़ान के पायलट-इन-कमांड का लाइसेंस निलंबित कर दिया। इसके अलावा, अपने कर्तव्यों को पूरा करने में कथित विफलता के लिए एयर इंडिया की इन-फ़्लाइट सेवाओं के निदेशक पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
हालांकि, जब हम केबिन क्रू और पायलट के बारे में बात करते हैं, तो ऐसे कुछ उदाहरण सामने आए हैं जहां यात्रियों को जोखिम में डाला गया। मई में डीजीसीए ने एयर इंडिया के एक पायलट का लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया था।
यह निलंबन दुबई से दिल्ली की उड़ान के दौरान पायलट द्वारा एक महिला मित्र को हवा में कॉकपिट में प्रवेश करने की अनुमति देने के बाद किया गया था। कॉकपिट में किसी यात्री का प्रवेश डीजीसीए सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन है। यह घटना 27 फरवरी को दुबई से दिल्ली की उड़ान के दौरान घटी थी।
विमानन नियामक ने सुरक्षा-संवेदनशील मुद्दे को त्वरित और प्रभावी तरीके से संबोधित करने में विफल रहने के लिए एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।