बंगाल राशन घोटाला : ईडी ने कहा, रहमान की चावल मिलों का लाइसेंस अवैध रूप से रिन्यूअल किया गया

ईडी बंगाल राशन घोटाले (ED Bengal ration scam) मामले की जांच कर रही है। ईडी के अधिकारियों के पास उपलब्ध लेटेस्ट दस्तावेजों के अनुसार,

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  • Updated On - December 27, 2023 / 06:09 PM IST

कोलकाता, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। ईडी बंगाल राशन घोटाले (ED Bengal ration scam) मामले की जांच कर रही है। ईडी के अधिकारियों के पास उपलब्ध लेटेस्ट दस्तावेजों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में राशन वितरण मामले में गिरफ्तार कोलकाता के व्यवसायी बकीबुर रहमान ने सभी मानदंडों का उल्लंघन (Violation of norms) करते हुए अपनी चावल मिल का लाइसेंस रिन्यूअल कराने में कामयाबी हासिल की।

  • सूत्रों ने कहा कि बकीबुर रहमान के मालिकाना हक वाली एनपीजी राइस मिल के लाइसेंस को दो बार रिन्यूअल किया गया था, जबकि पश्चिम बंगाल पुलिस की प्रवर्तन शाखा (ईबी) द्वारा जांच की जा रही थी।
  • इकाई के खिलाफ आरोप सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लिए किसानों से खरीदे गए खाद्यान्न को खुले बाजार में प्रीमियम कीमतों पर बेचकर उसके दुरुपयोग के संबंध में था।
  • सूत्रों ने बताया कि नियमों के मुताबिक, ऐसी किसी भी इकाई के लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं किया जा सकता है, अगर उसके खिलाफ अनियमितताओं के आरोप में किसी एजेंसी द्वारा जांच लंबित है तो।

लाइसेंस तब तक रिन्यूअल नहीं किया जाएगा जब तक उसके खिलाफ जांच पूरी नहीं हो जाती और एजेंसी जांच के अंत में इकाई को क्लीन चिट नहीं दे देती।

सूत्रों ने कहा कि जांच कर रहे ईडी अधिकारियों का विश्वास है कि बकीबुर रहमान की मिल के लिए लाइसेंस का नवीनीकरण (रिन्यूअल) और वह भी उसके खिलाफ लंबित जांच के बावजूद दो बार राज्य के पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के मौन समर्थन के कारण ही संभव हो सका। मल्लिक को राशन वितरण मामले में उनकी कथित संलिप्तता के कारण इस साल अक्टूबर में केंद्रीय एजेंसी ने गिरफ्तार किया था।

ईडी के अधिकारियों को इस गड़बड़ी के पीछे राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के लाइसेंस-नवीनीकरण विंग के वरिष्ठ अधिकारी की संलिप्तता पर संदेह है। लाइसेंस नवीनीकरण के समय, उक्त विंग के अधिकारियों को यह जांच करनी होगी कि संबंधित मिल के खिलाफ कोई जांच लंबित है या नहीं और तदनुसार सिफारिश करें कि मामला नवीनीकरण के लिए उपयुक्त है या नहीं।