जबरदस्त हंगामे के बीच चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का बिल राज्यसभा में पेश

जबरदस्त हंगामे के बीच राज्यसभा (Rajya Sabha) में गुरूवार को मुख्य चुनाव आयुक्त व अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा बिल पेश (Bill to...

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  • Updated On - August 10, 2023 / 04:38 PM IST

नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। जबरदस्त हंगामे के बीच राज्यसभा (Rajya Sabha) में गुरूवार को मुख्य चुनाव आयुक्त व अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा बिल पेश (Bill to appoint commissioners) किया गया। इसके विरोध में विपक्षी सांसदों ने जबरदस्त नारेबाजी की। इस दौरान इंडिया गठबंधन से जुड़े विपक्ष के अधिकांश सांसद सभापति के आसन के निकट वेल में आ गए। सदन की कार्यवाही के लिए नियम पुस्तिका दिखा रहे कुछ सांसदों ने इस दौरान सभापति के आसन तक पहुंचने की भी कोशिश की।

हालांकि, इन सांसदों को रोकने के लिए तुरंत ही गार्ड तैनात कर किए गए, ताकि विरोध जता रहे सांसद सभापति के आसन तक न पहुंच सके। राज्यसभा में हुए इस जबरदस्त हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसी वर्ष मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि चुनाव आयुक्तों का चयन राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश वाले पैनल की सलाह पर किया जाएगा।

वहीं, केंद्र सरकार एक ऐसा कानून बनाने के लिए यह विधेयक लाई है, जिसमें चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया मेें मुख्य न्यायाधीश की भूमिका नहीं होगी। राज्यसभा में लाए गए इस विधेयक के मुताबिक चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री की समिति की सिफारिश के आधार पर की जाएगी।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने देश के मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में मुख्य न्यायाधीश की भूमिका तय की थी। सरकार के इस विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि है कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधान मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधान मंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री की समिति की सिफारिश पर की जाएगी।

सरकार द्वारा लाए जा रहे इस नए बिल के मुताबिक प्रधानमंत्री इस पैनल की अध्यक्षता करेंगे। कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, सपा व आरजेडी समेत इंडिया गठबंधन के दल इस विधेयक के खिलाफ हैं। विपक्ष के सांसदों रणदीप सिंह सुरजेवाला, जॉन बिटास, प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है कि सरकार द्वारा लाए जा रहे इस बिल का उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के मार्च 2023 के फैसले को कमजोर करना है।

इस विधेयक का विरोध करने के लिए विपक्षी सांसद प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, रणदीप सिंह सुरजेवाला, प्रियंका चतुर्वेदी, डेरेक ओ ब्रायन, सुशील कुमार गुप्ता, केसी वेणुगोपाल समेत अनेक सांसद सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। हालांकि, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में गुरुवार को विपक्ष के तीखे विरोध के बावजूद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति संबंधी विधेयक पेश कर दिया है। सरकार का यह विधेयक मुख्य न्यायाधीश को चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया से बाहर करेगा।

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