BJP नेता सुब्रमण्यम की ‘PM मोदी’ को पद छोड़ने की चेतावनी!, हटा दें, ‘अजित डोभाल’ को

By : hashtagu, Last Updated : February 14, 2023 | 9:46 pm

हैशटैग। (BJP leader Subramanian Swamy) बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी के एक ट्विट से सियासी गलियारों में हड़कंप मचा दिया हैं। अक्सर अपनी ही पार्टी के खिलाफ काम करने वाले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एनएसए अजीत डोभाल (ajeet dobhaal) को हटाने की मांग की है। स्वामी ने चेतावनी दी है कि नहीं तो 2023 के मध्य में पीएम मोदी को पद छोड़ना पड़ सकता है। इससे भाजपा हलकों में हड़कंप मच गया है।

अपने ट्विटर हैंडल पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, “मोदी को डोभाल को अपने एनएसए पद से बर्खास्त करना चाहिए। उन्होंने कई बार पेगासस टेलीफोन टैपिंग और वाशिंगटन डीसी से आने वाले एक और भयानक सहित कई बार धोखा दिया है। अन्यथा 2023 के मध्य तक, मोदी भी छोड़ना पड़ सकता है।”स्वामी ने अजीत डोभाल पर आरोप लगाते हुए कहा है कि डोभाल कई बार पेगासस टेलीफोन टैपिंग जैसी गलती कर चुके हैं. साथ ही कहा कि मोदी को डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद से हटा देना चाहिए।

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इस ट्विट के बाद भाजपा में हड़कंप मचा हुआ है

बता दें, बीजेपी नेता की पीएम मोदी को दी गई चेतावनी से पूरे बीजेपी में हड़कंप मचा है। अभी तक बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से कोई बयान जारी नहीं हुए हैं। उनके इस कथन के सियासी तर्क भी लोग अपने-अपने तरीके से लगा रहे हैं। ऐसे में जाहिर है कि उनके इस बयान से विपक्ष भाजपा को घेरेगा। क्याेंकि उनकी टिप्पणी बहुत गंभीर है। वह चुनाव साल में इसके कई मायने भी लोग निकालने में लगे हैं।

अडानी ग्रुप पर आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर भी कहा था

हाल ही में अडानी ग्रुप पर आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और उसके बाद उठे पूरे विवाद पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि अडानी समूह की संपत्तियों का राष्ट्रीयकरण कर दिया जाए। क्या कांग्रेस ने अडानी से कभी कोई डील ही नहीं की। इस सवाल के जवाब में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि मैं उनमें से कई लोगों को जानता हूं, जिनके अडानी के साथ बहुत सारे सौदे थे, लेकिन मुझे कांग्रेस की परवाह नहीं है। मैं चाहता हूं कि भाजपा की पवित्रता स्थापित हो।

स्वामी ने कहा था कि अडानी समूह को वित्तीय सौदों से संबंधित एक रिपोर्ट के सामने आने के बाद उसके शेयरों में गिरावट के बीच विवादों का सामना करना पड़ रहा है और संसद में भी विपक्षी दलों द्वारा इस मुद्दे पर हंगामा किया गया। सुब्रमण्यम स्वामी ने इस साल के बजट पर निशाना साधते हुए कहा था कि इसमें उद्देश्यों या रणनीतियों की कमी है। ऐसे समय में रक्षा क्षेत्र के लिये कम बजट आवंटित किया गया है जब सीमा मुद्दे को लेकर चीन का रुख आक्रामक है।