नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Water Board) मामले में दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई और हैदराबाद में छापेमारी की है। ईडी (Ed) ने मेसर्स यूरोटेक एनवायर्नमेंटल प्राइवेट लिमिटेड ( Eurotech Environmental Pvt Ltd) और अन्य के खिलाफ आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत एसीबी, जीएनसीटीडी, नई दिल्ली द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें डीजेबी में घोटाले का आरोप लगाया गया था।
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि सभी चार निविदाओं में केवल तीन (3) संयुक्त उद्यम (जेवी) कंपनियों ने भाग लिया। जहां 2 जेवी को एक-एक टेंडर मिला। वहीं 1 जेवी को 2 टेंडर मिले। यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रत्येक को निविदा मिले, 3 संयुक्त उद्यमों ने 4 एसटीपी निविदाओं में पारस्परिक रूप से भाग लिया।
डीजेबी द्वारा उन्नयन और संवर्द्धन के लिए अपनाई गई लागत समान थी, हालांकि उन्नयन की लागत संवर्द्धन की लागत से कम है। आगे की जांच से पता चलता है कि सभी 3 जेवी ने निविदाएं हासिल करने के लिए ताइवान प्रोजेक्ट से जारी एक ही अनुभव प्रमाण पत्र डीजेबी को जमा किया और इसे बिना किसी सत्यापन के स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद, सभी 3 जेवी ने मेसर्स यूरोटेक एनवायरनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को 4 निविदाओं से संबंधित कार्य का ठेका दिया।
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