नई दिल्ली, 3 जुलाई (आईएएनएस)। राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार दोपहर अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई। इससे पहले राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि समय की मांग है कि 21वीं सदी को यदि भारत की सदी बनाना है, तो हमारे गवर्नेंस के मॉडल में एफिशिएंसी (Efficiency in governance model) बहुत अनिवार्य है। जब इस प्रकार से काम होते हैं, तो पारदर्शिता आती है। ‘किंतु परंतु’ नहीं रहते हैं और सामान्य लोगों के हकों की रक्षा होती है। नागरिक इज ऑफ लिविंग का एहसास कर पाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरा एक कनविक्शन है, मैं मानता हूं कि आज समय की मांग है कि हमारे नागरिकों के जीवन से सरकार की दखल जितनी कम हो, उस दिशा में हमें प्रयास करना चाहिए। हां, जिनको सरकार की जरूरत है, जिनके जीवन में सरकार की उपयोगिता व आवश्यकता है, उनके जीवन में सरकार का अभाव नहीं होना चाहिए। लेकिन, जो अपने बलबूते पर जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं, सरकार का प्रभाव उन्हें रोकने का प्रयास न करे। इसलिए सरकार का दखल जितना कम हो, ऐसी व्यवस्थाओं को विकसित करने के लिए मैं राज्यों से आग्रह करता हूं कि वह आगे आएं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सदी भारत की सदी है, भूतकाल हमें कहता है कि अवसर तो पहले भी आए थे, लेकिन हम अपने ही कर्म से अपने अवसर को खो चुके थे। अब हमें अवसरों को खोने की गलती नहीं करनी है। हमें अवसरों को ढूंढना है। जो देश हमारे साथ आजाद हुए, वे बहुत तेजी से आगे निकल गए, हम नहीं पहुंच पाए। हमें इस स्थिति को बदलना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात को समाप्त करते हुए कहा कि जिन-जिन बातों को हमारे माननीय सदस्यों ने उठाया था, उन सब का संकलित रूप में जानकारी देने का मैंने प्रयास किया है। आदरणीय राष्ट्रपति महोदया ने जो अभिभाषण दिया, हमारे लिए दिशानिर्देश दिए। जिसने सामान्य लोगों में विश्वास पैदा किया, इसके लिए मैं अपनी ओर से और इस सदन की ओर से भी राष्ट्रपति का बहुत-बहुत आभार जताता हूं।
इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने प्रस्ताव को पारित करने के लिए सदन के समक्ष रखा। राज्यसभा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से अपनी सहमति दी।
सभापति ने कहा कि लगातार तीसरी बार चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा के 264वें सत्र में अपने मंत्रिमंडल का परिचय कराया। सभापति ने बताया कि इस सत्र में 100 प्रतिशत से अधिक की प्रोडक्टिविटी रही। यह अत्यंत दुखद रहा कि नेता प्रतिपक्ष विरोध जताने के दौरान सदन के वेल में आए। छह दशकों के बाद कोई सरकार तीसरी बार लगातार चुनकर आई है।
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