आरएएस प्रियंका विश्नोई मौत मामले में जोधपुर के अस्पताल के खिलाफ एफआईआर

By : hashtagu, Last Updated : October 26, 2024 | 1:19 pm

जयपुर, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी प्रियंका विश्नोई (33) की मौत (RAS Priyanka Vishnoi death case) के मामले में जोधपुर के वसुंधरा अस्पताल (Vasundhara Hospital) के मालिक और कुछ डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

अधिकारियों ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा है कि अदालत के निर्देश के बाद कुछ डॉक्टरों और सभी मेडिकल स्टाफ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

प्रियंका विश्नोई के ससुर सहीराम विश्नोई ने वसुंधरा अस्पताल (जोधपुर) के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है।

मामले की सुनवाई मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या 08 जोधपुर में हुई। शिकायतकर्ता की ओर से अधिवक्ता नमन मोहनोत ने शुक्रवार को कोर्ट में दलीलें पेश की।

उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने मरीज का ठीक से इलाज नहीं किया और परिवार को सही जानकारी भी नहीं दी।

प्रियंका के ससुर ने अपनी शिकयत में कहा है कि प्रियंका को 5 सितंबर को वसुंधरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अधिवक्ता नमन मोहनोत ने कोर्ट को बताया कि डॉक्टरों ने प्रियंका को सामान्य बीमारी बताकर भर्ती किया था। इसके बाद प्रियंका की हालत बिगड़ने लगी।

न्यूरोलॉजिस्ट ने सीटी स्कैन कराने की सलाह दी जो उस समय काफी जरूरी था, लेकिन अस्पताल स्टाफ ने सीटी स्कैन नहीं कराया। शिकायत में कहा गया है कि जांच न कराने का कोई ठोस कारण परिवार को नहीं बताया गया, जिससे अस्पताल की मंशा पर सवाल उठता है।

शिकायतकर्ता ने आगे कहा कि जब प्रियंका की हालत बिगड़ी तो उसे 7 सितंबर को अहमदाबाद के सीआईएमएस अस्पताल में रेफर किया गया था। वहां रिपोर्ट की जांच के बाद डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि मरीज को ‘हेमरेज’ हुआ था, जिसका पहले ठीक से इलाज नहीं किया गया।

सीआईएमएस अस्पताल में बताया गया कि वसुंधरा अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज की गंभीर हालत के बावजूद उसका उचित इलाज नहीं किया। इस दौरान परिवार को भी मरीज की वास्तविक स्थिति के बारे में अंधेरे में रखा गया।

एडवोकेट नमन मोहनोत ने दलील दी कि वसुंधरा अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ को पता था कि इलाज में लापरवाही के कारण प्रियंका की मौत हो सकती है। इसके बावजूद उन्होंने अपनी खामियां छिपाने की कोशिश की।

उन्होंने इस गंभीर मामले में एफआईआर दर्ज करने से इनकार करने पर पुलिस पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि अगर पुलिस असिस्टेंट कलेक्टर की मौत पर एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है, तो आम जनता को कैसे न्याय मिल पाएगा।

प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने चोपासनी हाउसिंग बोर्ड पुलिस थाने को वसुंधरा अस्पताल के कुछ डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।