जी-राम-जी बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी, अब कानून बना; मनरेगा की जगह नया ग्रामीण रोजगार कानून लागू

G-RAM-G कानून के तहत रोजगार सृजन के साथ-साथ कौशल विकास, आजीविका आधारित कार्यों और ग्राम स्तर पर टिकाऊ परिसंपत्तियों के निर्माण पर भी जोर दिया जाएगा।

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  • Publish Date - December 21, 2025 / 06:45 PM IST

नई दिल्ली: 21 दिसंबर 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी G-RAM-G बिल को अपनी मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति की स्वीकृति के साथ ही यह विधेयक अब कानून बन गया है। इससे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह नया कानून लागू हो गया है।

नए कानून के तहत ग्रामीण परिवारों को अब हर वित्तीय वर्ष में 125 दिनों तक रोजगार की कानूनी गारंटी मिलेगी, जो पहले मनरेगा के तहत 100 दिन थी। सरकार का कहना है कि इस कानून का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना, आजीविका को मजबूत करना और पलायन को रोकना है।

G-RAM-G कानून के तहत रोजगार सृजन के साथ-साथ कौशल विकास, आजीविका आधारित कार्यों और ग्राम स्तर पर टिकाऊ परिसंपत्तियों के निर्माण पर भी जोर दिया जाएगा। इसमें डिजिटल निगरानी, समय पर भुगतान और पारदर्शिता को और बेहतर बनाने के प्रावधान किए गए हैं।

यह विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ था, हालांकि विपक्ष ने इसे लेकर आपत्ति जताई थी। विपक्ष का कहना था कि मनरेगा का नाम और ढांचा बदलना गरीबों के हित में नहीं है, जबकि सरकार ने इसे ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम बताया।

सरकार के अनुसार, यह नया कानून ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा और रोजगार सुरक्षा को पहले से ज्यादा प्रभावी बनाएगा।