चिक्कमगलुरु (कर्नाटक) | राज्य के चिकमंगलूर शहर में सरकार द्वारा संचालित गर्ल्स हॉस्टल (Girls Hostel) में 12वीं कक्षा की एक छात्रा ने बच्चे (Child Birth) को जन्म दिया है। दलित संगठनों ने हॉस्टल वार्डन और जिला समाज कल्याण अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
दलित संघर्ष समिति (डीएसएस) सहित अन्य संगठनों ने आरोप लगाया कि यह घटना एक छात्रावास में हुई है, जहां लगभग 200 छात्राएं रहती हैं। सूत्रों के मुताबिक समाज कल्याण अधिकारी ने दावा किया कि युवती ने अपने पेट पर कपड़े लपेट रखा था, इसलिए गर्भावस्था की पहचान नहीं पाईं। पुलिस ने इस संबंध में पॉक्सो का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सरकार द्वारा संचालित छात्रावासों में लड़कियों की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कार्यकर्ताओं ने पूछा कि इन परिस्थितियों में माता-पिता अपने बच्चों को सरकारी छात्रावासों में कैसे भेज सकते हैं।
उन्होंने कहा, हर तीन महीने में एक बार लड़कियों के स्वास्थ्य की स्थिति की जांच की जानी चाहिए। यदि अधिकारियों ने इस नियम का पालन किया होता तो यह घटना बहुत पहले ही सामने आ जाती। इसके बजाय अधिकारियों ने छात्रावास में प्रसव की सुविधा दी। संगठनों ने समाज कल्याण अधिकारी और छात्रावास वार्डन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने दोनों को बर्खास्त करने की मांग की।