नई दिल्ली, 27 जून (आईएएनएस)। सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ इसके लिए आपूर्ति श्रृंखला केंद्र बनाने और मजबूत जीडीपी दर हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ने की वजह से भारत (India) अगले दशक में वैश्विक आर्थिक महाशक्ति (Global economic superpower) बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के कारण देश ने अपनी मजबूत आर्थिक यात्रा शुरू की।
देश ने 10 साल के दौरान जबरदस्त विकास देखा, चाहे वह लोकल उत्पादों के निर्माण, नए सेमीकंडक्टर संयंत्र, एआई, 5जी, स्टार्टअप, नवाचार और विभिन्न क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं पर जोर हो या फिर श्रमिकों को कुशल बनाना और लाखों नई नौकरियां पैदा करना हो।
ऐसे में पीएलआई योजना से प्रेरित होकर देश के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र का तीन गुना विस्तार होने का अनुमान है। जो मौजूदा 459 बिलियन डॉलर से 1.66 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। यह वृद्धि पिछले दशक में हुई 175 बिलियन डॉलर की औसत वृद्धि से अधिक है।
डीएसपी म्यूचुअल फंड की एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र का योगदान वित्त वर्ष 2024 में 14 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2034 तक 21 प्रतिशत हो जाने की उम्मीद है, जो कम ढुलाई लागत और बेहतर बुनियादी ढांचे के कारण संभव होगा।
इसके अलावा बुनियादी ढांचे में निवेश वित्त वर्ष 2024 में सकल घरेलू उत्पाद के 33 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर वित्त वर्ष 2029 तक 36 प्रतिशत हो जाएगा।
देश में इस दौरान अकेले इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 12 लाख से अधिक नई नौकरियां पैदा हुई हैं और यह 100 बिलियन डॉलर को पार कर गई हैं। अगले पांच वर्षों में भारत का इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग 250 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। अगले कुछ वर्षों में 14 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं के तहत 3 लाख करोड़ से 4 लाख करोड़ रुपये तक निवेश होने का अनुमान है।
गुरुवार को संसद को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि तेजी से विकास के लिए भारत के लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप सुधारों की गति को और तेज किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “पिछले 10 वर्षों में, भारत 11वें स्थान से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। 2021 से 2024 तक भारत ने औसतन 8 फीसदी की दर से सालाना वृद्धि दर्ज की है।”
राष्ट्रपति ने कहा, “आज अकेले भारत वैश्विक विकास में 15 प्रतिशत का योगदान दे रहा है।” सरकार के पिछले पांच साल प्रमुख सुधारों और नीतिगत बदलावों पर केंद्रित रहे और अगले पांच साल भारत को एक वैश्विक शक्ति बनाने के बारे में होंगे।