इन्फैंट्री दिवस : पीएम मोदी ने किया सैनिकों के साहस और हिम्मत को सलाम
By : hashtagu, Last Updated : October 27, 2024 | 11:22 am
उल्लेखनीय है कि हर वर्ष 27 अक्टूबर को इन्फैंट्री दिवस मनाया जाता है। इस बार 78वां इन्फैंट्री दिवस मनाया जा रहा है।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, “इन्फैंट्री दिवस पर हम सभी सैनिकों और पूर्व सैनिकों के अदम्य साहस और हिम्मत को सलाम करते हैं, जो हमारी सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। वे हर चुनौती के सामने डटकर खड़े होते हैं, ताकि हमारे देश की सुरक्षा बनी रहे। इन्फैंट्री हमारे लिए ताकत, वीरता और कर्तव्य का प्रतीक है, जो हर भारतीय को प्रेरित करती है।”
गौरतलब है कि भारतीय सेना के पैदल जवानों को इन्फैंट्री कहा जाता है। इसके योगदान को मान्यता देने के लिए इन्फैंट्री दिवस मनाया जाता है। साल 1947 में 27 अक्टूबर के ही दिन भारत के पैदल सैनिकों का पहला सैन्य दस्ता श्रीनगर के हवाई अड्डे पर उतरा था। इस इन्फैंट्री ने तब आक्रमणकारियों द्वारा जम्मू और कश्मीर राज्य की रक्षा में अहम भूमिका निभाई थी। सिख रेजिमेंट की इस बटालियन ने जम्मू और कश्मीर के लोगों को पाकिस्तानी कबाइलियों और पाकिस्तानी सेना की बुरी नीयत से बचाया था। इस बहादुरी भरे कदम ने पाकिस्तान के जम्मू और कश्मीर पर कब्जा करने की योजना को नाकाम कर दिया।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “भारतीय इन्फेंट्री दिवस पर सभी सैनिकों को शुभकामनाएं। इन्फेंट्री हमारे देश की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उनकी बहादुरी, साहस और बलिदान हम सभी के लिए प्रेरणा है। भारत को अपने वीर इन्फैंट्री सैनिकों पर गर्व है।”
ज्ञात हो कि इन्फैंट्री को “युद्ध की रानी” भी कहा जाता है और इसकी शुरुआत मानव इतिहास के पहले युद्ध से मानी जाती है। स्वतंत्रता के बाद से इन्फैंट्री ने देश की संप्रभुता की रक्षा में अहम भूमिका निभाई है। चाहे 1962 का चीन युद्ध हो या 1947-48 का पाकिस्तान के साथ संघर्ष, 1965, 1971 के युद्ध या 1999 का कारगिल संघर्ष, इन ऐतिहासिक युद्धों में इन्फैंट्री का योगदान विशेष है।
इन युद्धों के अलावा, उत्तर और उत्तर-पूर्व के आतंकवाद-रोधी अभियानों, पंजाब में ऑपरेशन ब्लू स्टार और ऑपरेशन रक्षक, श्रीलंका में ऑपरेशन पवन और हाल ही में पूर्वी लद्दाख में ऑपरेशन स्नो लेपर्ड में इन्फैंट्री के प्रोफेशनलिज्म और प्रतिबद्धता की मिसालें दी जाती हैं, जिसने इन अभियानों की सफलता सुनिश्चित की।