मीथेन ईंधन में समस्या के कारण नासा समर्थित कंपनी के चंद्रमा लैंडर की लॉन्चिंग टाली
By : hashtagu, Last Updated : February 14, 2024 | 2:49 pm
ह्यूस्टन स्थित इंट्यूएटिव आईएम-1 चंद्र लैंडर का प्रक्षेपण फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से फाल्कन 9 रॉकेट के साथ भारतीय समयानुसार 14 फरवरी सुबह 11.27 बजे निर्धारित था।
नासा (Nasa) ने एक बयान में कहा, “मीथेन लोड में जाने से पहले मीथेन के तापमान में गड़बड़ के कारण प्रक्षेपण स्थगित कर दिया गया है।”
एजेंसी ने कहा, “स्पेसएक्स और इंटुएटिव मशीन्स अब गुरुवार 15 फरवरी को सुबह सुबह 11.35 बजे (भारतीय समय के अनुसार) को लक्षित कर रही हैं।”
लैंडर का लक्ष्य इंटुएटिव मशीन्स के रोबोटिक नोवा-सी लैंडर “ओडीसियस” को पृथ्वी के चाँद पर भेजना है। ओडीसियस की सफलता इसे 22 फरवरी को चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला पहला निजी अंतरिक्ष यान बना देगी।
स्पेसएक्स ने एक्सडॉटकॉम पर एक अपडेट में लिखा, “मिथेन लोड में कदम रखने से पहले मीथेन के तापमान में गड़बड़ी के कारण आज रात का प्रयास टालना पड़ रहा है।”
आईएम-1 मिशन नासा की वाणिज्यिक चंद्र पेलोड सर्विसेज (“सीएलपीएस”) पहल के हिस्से के रूप में चंद्रमा पर लैंडिंग का कंपनी का पहला प्रयास होगा, जो नासा के आर्टेमिस चंद्र अन्वेषण प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
सीएलपीएस के हिस्से के रूप में चंद्रमा की सतह पर भेजे गए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पेलोड का उद्देश्य मानव मिशन और चंद्र सतह पर एक स्थायी मानव उपस्थिति की नींव रखना है।
अमेरिका 50 साल बाद चंद्रमा पर कोई मिशन भेजने का प्रयास कर रहा है। दिसंबर 1972 में अपोलो 17 के बाद से अमेरिका ने चंद्रमा पर उतरने का प्रयास नहीं किया है।
जनवरी में, नासा समर्थित एक अन्य कंपनी, एस्ट्रोबायोटिक टेक्नोलॉजी के चंद्र लैंडर को “गंभीर” ईंधन हानि का सामना करना पड़ा और वह चंद्रमा तक नहीं पहुंच सका।