मोदी सरकार बना रही रक्षा निर्यात दोगुना करने की योजना

By : hashtagu, Last Updated : April 3, 2024 | 8:56 pm

नई दिल्ली, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। मोदी सरकार रक्षा निर्यात (Modi government defense exports) को दोगुना करने की योजना बना रही है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

  • मंत्रालय ने कहा, ”2028-29 तक रक्षा निर्यात 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। इस साल निर्यात पहले ही 21,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।”

रक्षा मंत्रालय ने सेवाओं की पांच सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियां अधिसूचित की हैं, जिसमें 500 से ज्‍यादा आइटम और चार अन्य सूचियां शामिल हैं। इन सूचियों में डीपीएसयू के लिए 4,600 से अधिक आइटम शामिल हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सैनिक भारत में बने हथियारों और प्लेटफार्मों का उपयोग करें।

  • इससे पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने स्थानीय कंपनियों से खरीद के लिए पूंजीगत अधिग्रहण बजट का 75 प्रतिशत निर्धारित करने के निर्णय का उल्लेख किया था।

राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि रक्षा क्षेत्र को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने और प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए दीर्घकालिक लाभ के लिए इसमें आमूल-चूल बदलाव किए गए हैं।

  • सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारे स्थापित करने जैसी पहल के जरिए सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि आधुनिक सैन्य हार्डवेयर न केवल भारत में निर्मित हो, बल्कि मित्र देशों को भी निर्यात किया जाए।

उन्होंने कहा कि सरकार जहां बड़ी कंपनियों का समर्थन कर रही है, वहीं वह स्टार्ट-अप के जरिए युवा प्रबुद्ध दिमागों को रक्षा क्षेत्र में भी आमंत्रित कर रही है। उन्होंने इसे दीर्घकालिक लाभ के लिए उठाया गया एक और कदम बताया।

  • उन्होंने भारत को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाने की सरकार की दीर्घकालिक दृष्टि पर जोर देते हुए कहा कि कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें रक्षा प्रौद्योगिकी नवाचार (आईडीईएक्स), डीआरडीओ के तहत प्रौद्योगिकी विकास निधि योजना और नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना शामिल है।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक 4,35,000 करोड़ रुपये से अधिक के पूंजी अधिग्रहण को सैद्धांतिक मंजूरी दी जा चुकी है। केंद्रीय बजट 2024-25 में रक्षा मंत्रालय को 6.21 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो मंत्रालयों में सबसे अधिक है।

  • राजनाथ सिंह ने इसे आने वाले पांच वर्षों में भारत में एयरो-इंजन और गैस टरबाइन जैसी उच्च-स्तरीय प्रणालियों का निर्माण करने का सरकार का लक्ष्य बताया।

रक्षा मंत्रालय ने घरेलू रक्षा विनिर्माण पर सरकार के फोकस को रेखांकित करते हुए कहा कि पहली बार उत्पादन 1 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर गया है।

  • मंत्रालय ने कहा, “भारत के रक्षा निर्यात का कुल मूल्य, जो 2016-17 में 1,521 करोड़ रुपये था, 2022-23 में लगभग 10 गुना बढ़कर 15,920 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया और अब यह 2100 करोड़ तक पहुंच गया है।”