नई दिल्ली, 10 जुलाई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) दो देशों के दौरे पर हैं। इस क्रम में रूस की अपनी यात्रा समाप्त कर वह ऑस्ट्रिया पहुंचे हैं। 40 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह ऑस्ट्रिया दौरा है। पीएम मोदी ने यहां चांसलर कार्ल नेहमर से मुलाकात की और दुनिया के लिए संदेश दिया कि यह युद्ध का समय नहीं है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने यहां ऑस्ट्रिया के कई प्रमुख हस्तियों से मुलाकात की।
वियाना में पीएम मोदी ने नोबेल पुरस्कार विजेता ऑस्ट्रियाई भौतिक विज्ञानी एंटोन ज़िलिंगर (Nobel Prize-winning Austrian physicist Anton Zeilinger) से भी मुलाकात की। पीएम मोदी से हुई मुलाकात के अनुभव को एंटोन ज़िलिंगर ने साझा किया और कहा कि मैंने अनुभव किया कि पीएम मोदी बहुत आध्यात्मिक व्यक्ति हैं।
उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात के बाद कहा कि हमने क्वांटम सूचना और क्वांटम प्रौद्योगिकियों की संभावनाओं और आध्यात्मिकता के बारे में भी चर्चा की। मैंने अनुभव किया कि पीएम मोदी बहुत आध्यात्मिक व्यक्ति हैं और मुझे लगता है कि यही वह विशेषता है, जो आज दुनिया के कई नेताओं में होनी चाहिए।
इससे पहले पीएम मोदी और ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर ने मुलाकात की थी। इस मुलाकात के मौके पर पीएम मोदी ने भारत-ऑस्ट्रिया संयुक्त बयान में कहा कि यह युद्ध का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि चांसलर नेहमर और मैंने दुनिया में चल रहे सभी विवादों पर विस्तार से चर्चा की है, चाहे वह यूक्रेन में संघर्ष हो या पश्चिम एशिया की स्थिति हो। पीएम मोदी ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है। हम दोनों देश आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हैं। हम सहमत हैं कि आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। इसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता।
उन्होंने कहा कि समस्याओं का समाधान रणभूमि नहीं हो सकता है। कहीं भी हो, मासूम लोगों की जान की हानि स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रिया शांति तथा स्थिरता की जल्द से जल्द बहाली के लिए संवाद और कूटनीति पर बल देते हैं। इसके लिए हम दोनों मिलकर हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार हैं।
इसके बाद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, “चांसलर कार्ल नेहमर के साथ एक उत्कृष्ट बैठक हुई। ऑस्ट्रिया की यह यात्रा बेहद खास है क्योंकि कई दशकों के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस अद्भुत देश का दौरा कर रहा है। यह वह समय भी है, जब हम भारत-ऑस्ट्रिया मित्रता के 75 वर्ष पूरे कर रहे हैं।”
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