सामूहिक दुष्कर्म मामले में पटना पुलिस ने वरिष्ठ नौकरशाह, पूर्व विधायक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की

By : brijeshtiwari, Last Updated : January 11, 2023 | 12:17 am

पटना, 10 जनवरी (आईएएनएस)| पटना (Patna) पुलिस ने मंगलवार को वरिष्ठ आईएएस (IAS) अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक (MLA) गुलाब यादव के खिलाफ 2021 में पटना और नई दिल्ली (New Delhi) में कथित तौर पर एक महिला से सामूहिक बलात्कार करने का मामला दर्ज किया है। रूपसपुर एसएचओ चंद्र भानु कुमार ने कहा कि, दानापुर अदालत के निर्देश के बाद भारतीय दंड संहिता (IPC) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत रूपसपुर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई। इस मामले को ध्यान में रखते हुए, पटना पुलिस (Patna Police) ने मामले की जांच के लिए सर्किल अधिकारी, दानापुर मंजू कुमारी को नियुक्त किया है।

पीड़िता को बयान दर्ज कराने के लिए थाने बुलाया गया है। प्रारंभिक जांच के दौरान पटना पुलिस ने पाया कि हंस और यादव नई दिल्ली के एक होटल में पीड़िता के साथ मौजूद थे। पीड़िता के दावे के अनुसार, उसने आरोप लगाया कि यादव और हंस ने 2021 में उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। यादव ने उसे राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाने का वादा किया और उसे पटना के रुकुनपुरा इलाके में अपने फ्लैट में मिलने के लिए कहा, जहां उसने उसके साथ बलात्कार किया।

पीड़िता का आरोप है कि उसने दुष्कर्म का वीडियो बना लिया और उसे ब्लैकमेल किया। पीड़िता ने कहा- उसने मुझे ब्लैकमेल किया और दिल्ली के एक होटल में मिलने के लिए मजबूर किया। जब मैं वहां गई, तो हंस भी होटल के कमरे में मौजूद था। उन्होंने नशीला पदार्थ मिलाकर कोल्ड ड्रिंक पिलाई और मेरे साथ सामूहिक बलात्कार किया। उन्होंने वीडियो बनाया और मुझे ब्लैकमेल किया।

उसके वकील रंजन कुमार वर्मा ने कहा: पीड़िता ने आगे दावा किया कि उसने पटना के थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। आखिरकार वह दानापुर कोर्ट गई जिसने पटना पुलिस को प्राथमिक जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। चूंकि पटना पुलिस ने जांच रिपोर्ट पेश नहीं की, इसलिए मामला खारिज कर दिया गया। फिर पीड़िता दिसंबर 2022 में पटना हाईकोर्ट पहुंची और मुकदमा दर्ज कराया। पटना उच्च न्यायालय ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) को मामले को स्वीकार करने का निर्देश दिया।

वर्मा ने कहा- बार-बार दुष्कर्म के कारण पीड़िता गर्भवती हो गई और उसने एक बच्चे को जन्म भी दिया। पीड़िता ने दावा किया कि बच्ची के पिता संजीव हंस हैं। इसलिए, हमने संजीव हंस के डीएनए टेस्ट की मांग की है ताकि यह स्थापित किया जा सके कि वह बच्चे का पिता है।