सुप्रीम कोर्ट ने ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण पर लगाई मुहर
By : hashtagu, Last Updated : November 7, 2022 | 1:28 pm
न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी ने अपने फैसले में कहा कि आर्थिक मापदंड को ध्यान में रखते हुए ईडब्ल्यूएस आरक्षण संविधान के बुनियादी ढांचे या समानता के अधिकार का उल्लंघन नहीं करता। उन्होंने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण कोटे की 50 प्रतिशत की सीमा सहित संविधान की किसी भी आवश्यक विशेषता को क्षति नहीं पहुंचाता, क्योंकि कोटे की सीमा पहले से ही लचीली है।
न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने न्यायमूर्ति माहेश्वरी के विचारों से सहमत होते हुए कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण वैध है।
न्यायमूर्ति पारदीवाला ने भी ईडब्ल्यूएस आरक्षण के पक्ष में फैसला सुनाया।
मुख्य न्यायाधीश यू.यू. ललित और न्यायमूर्ति भट ने पीठ के अन्य तीन न्यायाधीशों के फैसलों से असहमति जताई।
मुख्य न्यायाधीश यू.यू. ललित और न्यायमूर्ति भट ने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण भेदभावपूर्ण और संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन है।
सुप्रीम कोर्ट दाखिले और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी।