मनु भाकर के गांव-परिवार में जश्न का माहौल
By : hashtagu, Last Updated : July 30, 2024 | 3:41 pm
पेरिस ओलंपिक में पहला मेडल जीतने के बाद मनु भाकर ने कहा कि मेरे दिमाग में गीता के श्लोक चल रहे थे। मैंने कर्म पर फोकस किया, फल की चिंता नहीं की जिसका लाभ मुझे मिला। इन बातों और हमारी संस्कृति, सनातन धर्म की विशेषता और ताकत को दोहराते हुए मनु भाकर की मां ने भी गीता के श्लोक उच्चारण के महत्व पर बात की।
मनु भाकर की मां ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “गीता में हमारी जिंदगी का सार है। मैं मनु को हर दिन गीता के सार और उसके महत्व के बारे में बताती हूं। हमारी संस्कृति, सनातन धर्म विशेष है और हमें इसके महत्व को समझना चाहिए। शूटिंग के खेल में एकाग्रता और मन को स्थिर रखना महत्वपूर्ण है। मनु हर बार अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करती है, पिछले साल टोक्यो में उसे भाग्य का साथ नहीं मिला लेकिन इस बार उसने अपने मौके को पूरी तरह भुनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी।”
मनु के पिता ने बताया कि अगर पीएम मोदी से बात होगी तो मैं उन्हें धन्यवाद दूंगा और उनसे कहूंगा कि आप बहुत अच्छा काम कर रहे हो। खास तौर पर पीएम खिलाड़ियों पर बहुत ध्यान देते हैं। जब वो खिलाड़ियों से डायरेक्ट बात करते हैं, उससे खिलाड़ियों में आत्मविश्वास बढ़ता है। उन्होंने मजाकिया अंदाज में यह भी कहा कि जब उनकी मनु से बात होगी तो वो ये कहेंगे कि मम्मी ने जो तेरे नाम का पराठा बनाया वो मैंने खा लिया।
मनु के पैतृक गांव गोरिया के एक निजी स्कूल में मनु के खेल का सीधा प्रसारण टीवी पर बच्चों और ग्रामीणों को दिखाया गया है। मनु ने जैसे ही मेडल हासिल किया वैसे ही सभी स्कूली बच्चे और ग्रामीण खुशी से चिल्ला उठे। ये वही स्कूल है जहां से मनु ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की है और यही की शूटिंग एकेडमी में मनु ने शूटिंग खेल का प्रशिक्षण लेने शुरू किया था। मनु की इस जीत से सभी ग्रामीण बेहद खुश हैं ।
उन्हें अपनी बेटी पर बहुत गर्व है। एक दूसरे को लड्डू खिला कर ग्रामीणों ने मनु की जीत का जश्न मनाया है। इस दौरान बच्चों ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर मनु की जीत का जश्न मनाया। मनु की दादी का कहना है कि मनु के वापस लौटने पर पूरे गांव में देसी घी के लड्डू बांटे जाएंगे। उन्हें अपनी पोती पर गर्व है।