रणथम्भोर: रणथम्भोर नेशनल पार्क (Ranthambore National Park) में एक भयानक घटना ने पर्यटकों को हिला दिया। सफारी के दौरान एक गाइड ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते हुए पर्यटकों को अकेला छोड़ दिया, जब उनके साथ सफारी वाहन बीच रास्ते में बंद हो गया। इस घटना में बच्चे भी शामिल थे, जो अंधेरे में घंटों तक मदद का इंतजार करते रहे।
एनडीटीवी के रिपोर्ट के अनुसार, सफारी के दौरान पर्यटकों को लेकर जा रहा कैन्टर अचानक बीच रास्ते में बंद हो गया। पर्यटकों का आरोप है कि गाइड ने उन्हें बताया कि वह दूसरा कैन्टर खोजने जा रहे हैं, लेकिन इसके बाद उन्होंने न केवल पर्यटकों से बुरा व्यवहार किया बल्कि वापस लौटकर भी नहीं आए।
पर्यटक, जिनमें बच्चे भी शामिल थे, अंधेरे में सिर्फ मोबाइल फोन की रोशनी पर निर्भर थे, जबकि वे रणथम्भोर जैसे जंगली इलाके में फंसे हुए थे, जहां 60 से अधिक बाघों सहित कई अन्य खतरनाक जानवरों का बसेरा है। पार्क में मांसाहारी जानवरों के अलावा कई प्रकार के सांप, काले भालू और जंगली कुत्ते भी पाए जाते हैं, जो इस स्थिति को और भी खतरनाक बना सकते थे।
Guide तो गियो!#Ranthambore #रणथम्भौर pic.twitter.com/1EKhrDZxWw
— Amit Chaturvedi (@amittchaturvedi) August 18, 2025
इस घटना के बाद घटना के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिनमें बच्चे अंधेरे में कांपते हुए और चिल्लाते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया और मामले को सार्वजनिक रूप से उजागर किया।
घटना के बाद, वन विभाग ने तुरंत जांच शुरू कर दी। उप वन संरक्षक (डीसीएफ) प्रमोद ढाकड़ ने पीटीआई से कहा कि तीन कैन्टर ड्राइवरों और गाइड को जांच पूरी होने तक पार्क में प्रवेश करने से रोक दिया गया है। उन्होंने कहा, “कैन्टर ड्राइवर कान्हैया, शहजाद चौधरी, और लियाकत अली के साथ-साथ गाइड मुकेश कुमार बैरवा को प्रतिबंधित किया गया है।”
इस घटना ने रणथम्भोर नेशनल पार्क में सफारी की सुरक्षा और गाइड्स की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पर्यटकों को बिना किसी चेतावनी के छोड़ना, खासकर जब वे जानवरों से भरे इलाके में हों, बेहद लापरवाही है। स्थानीय अधिकारियों के लिए यह घटना एक कड़ा संदेश है कि उन्हें पर्यटकों की सुरक्षा और उनके अनुभवों को प्राथमिकता देनी होगी।