हैदराबाद: जब अधिकांश लोग बेहतर देखभाल की उम्मीद में डिलीवरी जैसे अहम मौकों के लिए प्राइवेट अस्पतालों (private hospitals) का रुख करते हैं, ऐसे समय में भद्राद्री कोठागुडेम के जिला कलेक्टर जितेश वी. पाटिल और उनकी पत्नी श्रद्धा ने एक साहसिक और प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है। श्रद्धा जितेश ने अपने बच्चे को जन्म देने के लिए प्राइवेट नहीं, बल्कि नजदीकी सरकारी अस्पताल को चुना।
श्रद्धा ने हाल ही में पलोंचा के सरकारी वैद्य विधान परिषद अस्पताल में एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। इस फैसले ने न सिर्फ आम जनता का ध्यान खींचा, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति विश्वास जगाने की एक नई उम्मीद भी दी।
कलेक्टर जितेश वी. पाटिल और उनके परिवार ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि गुणवत्तापूर्ण इलाज केवल महंगे अस्पतालों में ही नहीं, बल्कि सरकारी सुविधाओं में भी संभव है — बशर्ते लोग भरोसा करें और सिस्टम को सहयोग दें।
यह कदम न केवल एक प्रैक्टिकल उदाहरण है, बल्कि समाज को यह दिखाने की कोशिश भी है कि बदलाव केवल नीतियों से नहीं, बल्कि व्यवहार और सोच से भी आता है। कलेक्टर दंपत्ति के इस फैसले से स्वास्थ्य अधिकारियों और आम नागरिकों को सरकारी अस्पतालों के प्रति सकारात्मक नजरिया अपनाने की प्रेरणा मिल सकती है।