नई दिल्ली, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय रेल, संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (IT Minister Ashwini Vaishnav) ने शनिवार को पिछले 10 वर्षों में भारत की विकास यात्रा (India’s development journey) के बारे में बताया। उन्होंने इसके साथ ही यह भी बताया कि कैसे देश में तेजी से विकास हुआ। उन्होंने वह सभी चीजें बताई, जिसकी वजह से पीएम नरेंद्र मोदी के शासनकाल में देश तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर हुआ। जबकि, कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के समय में यह सभी चीजें मिसिंग थीं।
राजधानी दिल्ली में ‘विकसित भारत एंबेसडर कार्यक्रम’ को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की चरमराती पांच अर्थव्यवस्था वाले देश की श्रेणी से शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं वाले देश की श्रेणी में पहुंच गया है, अब एक और मील के पत्थर की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सावधानीपूर्वक तैयार की गई योजना और इसके कार्यान्वयन को दिया। उन्होंने कहा कि यह सब परिवर्तन ऑटोमैटिक तरीके से नहीं हुआ। इस बदलाव को लाने के लिए बहुत प्रयास किए गए, योजना बनाई गई और इसका कार्यान्वयन किया गया। अगर यह बदलाव अपने आप होना होता तो यह 1970 और 1980 के दशक में हो गया होता।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि इस विकास को मुख्य रूप से चार स्तंभों, जिसमें सामाजिक और भौतिक क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश, समावेशी विकास, लक्ष्यों का सरलीकरण और विनिर्माण प्रोत्साहन है, ने प्रेरित किया है। पब्लिक इन्वेस्टमेंट और कैपेसिटी बिल्डिंग पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने अपने मंत्रालय का उदाहरण दिया।
वैष्णव ने दर्शकों को बताया, “पहले, एक साल में औसतन 1,050 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बनाए जाते थे, जबकि अब एक साल में 5,300 किलोमीटर ट्रैक (बेल्जियम, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड के आकार के बराबर) बन जाते हैं।”
उन्होंने कहा, “आजादी के बाद पहले 60 वर्षों के दौरान 20,000 किमी ट्रैक पर रेलवे विद्युतीकरण हुआ था। लेकिन, पिछले दस वर्षों में अकेले 40,000 किमी से अधिक ट्रैक का विद्युतीकरण किया गया।”
उन्होंने ‘विकसित भारत एंबेसडर कार्यक्रम’ के प्रतिभागियों को पिछले कुछ वर्षों में एआईआईएम, आईआईटी, आईआईएम सहित शीर्ष संस्थानों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि के बारे में भी बताया। समावेशी विकास पर सरकार के ध्यान को रेखांकित करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कैसे स्वच्छता योजना और जनधन खातों जैसी अभूतपूर्व पहल ने देश भर में परिवर्तनकारी बदलाव लाए हैं।
उन्होंने कहा, ”उज्ज्वला योजना के तहत 10 करोड़ से अधिक मुफ्त एलपीजी कनेक्शन वितरित किए गए, 80 करोड़ लोगों को हर महीने मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है, वहीं पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है।”
सरलीकरण को विकास का तीसरा स्तंभ बताते हुए उन्होंने दूरसंचार क्षेत्र और कानून विभाग का उदाहरण दिया और कहा कि देश में आदर्श परिवर्तन लाने के लिए बहुत प्रयास और योजना बनाई गई। भारत का दूरसंचार क्षेत्र 1985 में एक अधिनियम द्वारा चलता था। आज, यह बदल गया है। नए दूरसंचार कानून को तैयार करने में हमें दो साल लग गए और आज, यह हमें दुनिया भर में अच्छी दिशा और गति दे रहा है। इसी तरह, समय-समय पर 1,500 से अधिक कानूनों को निरस्त किया गया है, यह रातोंरात नहीं हुआ। यह सावधानीपूर्वक तैयार योजना और कार्यान्वयन के कारण संभव हुआ।
उन्होंने आगे कहा कि मानसिकता में बदलाव, इस बदलाव के पीछे के प्रमुख कारणों में से एक है। उन्होंने चिनाब पुल का उदाहरण देते हुए कहा, ”स्वदेशी उत्पादन में हमारा विश्वास और अपनी जनशक्ति में विश्वास के कारण देश सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रहा है, आज यह चिनाब पुल अपने पास है, जो फ्रांस के एफिल टॉवर से 100 फीट ऊंचा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने लगातार विनिर्माण और क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि 2015 में ही प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने की कल्पना की थी। ‘मेक इन इंडिया’ इस दृष्टिकोण का प्रमुख घटक था। आज, देश प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने देश की सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जीवित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की भी प्रशंसा की और कहा कि वह एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण के एक महत्वपूर्ण घटक हैं। उन्होंने बताया कि अपनी संस्कृति पर गर्व करना एक ऐसी चीज है, जिसे हमने एनडीए के कार्यकाल में महसूस किया है। पहले, हमें हेय दृष्टि से देखा जाता था, लेकिन अगर हमें सफलता की सीढ़ियां चढ़नी हैं तो इसे बदलना होगा।
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