रायपुर। (Municipal and Panchayat elections in Chhattisgarh) छत्तीसगढ़ में निकाय और पंचायत चुनाव के कार्यक्रम घोषित होते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में प्रदेश के नगरीय निकायों (Urban bodies) का बुरा हाल था। बिजली-पानी, सड़क जैसी व्यवस्थाआें से लोग परेशान थे। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने कहा कि भाजपा सरकार के एक साल के कार्यकाल में युवा, किसान, महिलाएं, मजदूर सब अपने का ठगा महसूस कर रहे हैं।
कई पार्षदों ने बताया कि नल की टोंटी बदलने के लिए भी निकायों के पास पैसा नहीं आ रहा है उन्हें अपनी जेब से नल की टोंटी लगाना पड़ रहा है। साव ने कहा कि एक तरफ जनता के अधिकारों को छीना अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव किया और सत्ता में आने के बाद शहरों का बुरा हाल कांग्रेस पार्टी ने किया।
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि निकाय एवं पंचायतों के चुनाव कार्यक्रम एक साथ घोषित किये गये हैं। निकायों के परिणाम 15 फरवरी को आयेंगे। पंचायतों के परिणाम 18, 21, 24 फरवरी को घोषित होंगे। जब एक साथ अधिसूचना जारी हुई है,आचार संहिता एक साथ लगी है तो पंचायतों एवं निकायों के परिणाम एक साथ घोषित होना चाहिये।
निर्वाचन आयोग अलग-अलग राज्यों के चुनाव कार्यक्रम जब भी घोषित करता है तो भले मतदान अलग-अलग तिथि पर हो, परिणाम एक साथ ही आते हैं। हमने प्रदेश निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखा है। उम्मीद है निष्पक्ष चुनाव के लिये हमारी आपत्ति पर ध्यान देकर दोनों चुनाव परिणाम एक साथ 24 फरवरी को घोषित किया जायेगा।
निकाय चुनाव भाजपा सरकार की नाकामी और वादा खिलाफी पर लड़ा जायेगा। पिछले 1 साल में भाजपा की साय सरकार जनता की उम्मीदों पर विफल साबित हो चुकी है। सरकार से युवा, किसान, महिला, मजदूर, विद्यार्थी, अनुसूचित जाति, जनजाति हर वर्ग के लोग निराश है। सब अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं।
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