नई दिल्ली,6 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन इकबाल सिंह लालपुरा (Chairman Iqbal Singh Lalpura) ने सदन में वक्फ बोर्ड बिल पेश (Waqf Board bill introduced) किए जाने के संबंध में आईएएनएस से बातचीत की। उन्होंने कहा कि हर व्यवस्था में समय के साथ सुधार की जरूरत होती है। सरकार देश और समाज के हित में ही काम करती है। उन्होंने कहा कि बिल में जो भी प्रावधान होंगे, वह इस्लाम के अनुयायियों के हितों को ध्यान में रखकर किए जाएंगे।
वक्फ बोर्ड की संपत्ति को लेकर कई शिकायतें आ रही हैं। शैक्षणिक स्थलों और कब्रिस्तानों का दुरुपयोग किया जा रहा है। सरकार इस्लाम के अनुयायियों के व्यापक हितों को ध्यान में रखकर फैसला लेगी। विपक्ष द्वारा विरोध जताए जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार जो भी विधेयक लाती है, उस पर राज्यसभा और लोकसभा में चर्चा होती है। कोई भी विधेयक सदन की मर्यादा के अनुसार ही पारित होता है। किसी पर कोई विधेयक थोपा नहीं जाता। सदन की मर्यादा के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। इस मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से एक प्रेस रिलीज जारी कर वक्फ बोर्ड अधिनियम में किसी भी प्रकार के संशोधन को अस्वीकार किया गया है।
पिछले दिनों बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा था कि विश्वसनीय जानकारी के अनुसार, भारत सरकार वक्फ एक्ट 2013 में लगभग 40 संशोधनों के माध्यम से वक्फ की संपत्तियों की हैसियत और प्रकृति को बदलना चाहती है, ताकि उन पर कब्जा करना और उन्हें हड़पना आसान हो जाए।
इस प्रकार का विधेयक अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है। बोर्ड ने स्पष्ट कहा था कि वक्फ एक्ट में कोई भी ऐसा संशोधन स्वीकार्य नहीं होगा, जिसमें उसकी अहमियत को बदल दिया जाए। साथ ही वक्फ बोर्ड की कानूनी और न्यायिक अहमियत और अधिकारों में हस्तक्षेप भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डॉ. इलियास ने कहा था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भारत के मुसलमानों, धार्मिक और राष्ट्रीय संगठनों से अपील करता है कि वो केंद्र सरकार के इस कदम के खिलाफ एकजुट होकर आगे बढ़ें। बोर्ड भी इस कदम को नाकाम करने के लिए हर तरह के कानूनी और लोकतांत्रिक रास्ते अपनाएगा।
बता दें कि केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड के अधिकारों पर अंकुश लगाने की कवायद शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार जल्द ही वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन से जुड़ा एक बिल संसद में पेश कर सकती है। इसके तहत वक्फ बोर्ड अधिनियम में 40 से अधिक संशोधनों किए जा सकते हैं।
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