कोलकाता, 19 जनवरी (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल (West Bengal) में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर चल रहे विवादों के बीच नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) ने कहा कि यह कोई नई घटना नहीं है कि अक्षम शिक्षकों ने शिक्षा प्रणाली में प्रवेश किया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय द्वारा बुधवार को घोटाले के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल (West Bengal) से जुड़े नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन और अभिजीत बनर्जी की चुप्पी पर सवाल उठाने के 24 घंटे के भीतर उनकी टिप्पणी आई।
बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, अक्षम शिक्षक हर जगह होते हैं और हमेशा होते हैं। इसलिए इस अर्थ में यह कोई नई बात नहीं है। उनमें से कई ने मुझे अपने स्कूली शिक्षा के दिनों में पढ़ाया था। वे शिक्षक छात्रों के सवाल किए जाने पर थप्पड़ मारते थे। अक्षम शिक्षक पूरे देश में हर जगह हैं। मैं अकादमिक पृष्ठभूमि के परिवार से हूं, जहां मेरे परदादा से लेकर सभी शिक्षक हैं। शिक्षण पेशे में कमियां थीं। इसलिए यह समझना अजीब है कि यह एक नई घटना है। .
हालांकि नोबेल पुरस्कार विजेता ने घोटाले पर चल रही केंद्रीय एजेंसी की जांच पर कोई सीधी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
चूंकि केंद्रीय जांच ब्यूरो मामले की जांच कर रहा है, इसलिए मैं इस मामले में कोई टिप्पणी करने में असमर्थ हूं। मुझे इस मामले पर टिप्पणी करने का कोई कारण नहीं मिला। मैं व्यक्तिगत रूप से इस तरह के मामले पर बहस नहीं करता। बनर्जी ने कहा, इस मामले में कोई टिप्पणी करना मेरी ओर से एक गैर जिम्मेदाराना हरकत होगी।
मंगलवार को न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि दो नोबेल पुरस्कार विजेता बयान देते हैं और कई मुद्दों पर राय देते हैं।
उन्होंने पूछा,मेरी जिज्ञासा है कि शिक्षकों के घोटाले पर उनका क्या अवलोकन है। यह इतने बड़े परिमाण का घोटाला था। नोबेल पुरस्कार विजेताओं का क्या कहना है?
पत्रकारों से बात करते हुए बनर्जी ने अमर्त्य सेन की हालिया टिप्पणियों पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि प्रधानमंत्री पद के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास सभी गुण हैं।