‘टमाटर-बैगन’ की खेती से मालामाल हुए किसान कुंवर सिंह! कमा रहे साल में 25 लाख रुपए शुद्ध मुनाफा

By : hashtagu, Last Updated : February 19, 2024 | 4:28 pm

  • मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान के रूप में किया है सम्मानित
  • रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन की उघानिकी विभाग की योजना का लाभ लेकर जांजगीर चांपा जिले के किसान उन्नत खेती की ओर आगे बढ़ रहें हैं। पामगढ़ विकास खंड के ग्राम बारगांव के किसान कुंवर सिंह मधुकर (Farmer Kunwar Singh Madhukar) ने ग्राफ्टेड बैंगन और टमाटर की खेती से प्रत्येक वर्ष लगभग 25 लाख रूपए का शुद्ध मुनाफा (Net profit of Rs 25 lakh) कमा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 6 एकड़ में बैंगन की खेती करते हैं । एक एकड़ में खीरे के खेती से भी उन्हें 2 लाख का अतिरिक्त मुनाफा हो जाता है। उघानिकी विभाग की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से जुड़े तब से उनके जीवन में बदलाव आना शुरू हो गया आज पूरे प्रदेश में उनका नाम प्रगतिशील किसान के रूप में जाना जाता है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को धन्यवाद दिया। किसान कुंवर सिंह मधुकर को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान के रूप में सम्मानित किया है। इसके साथ ही उन्हें इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च के माध्यम से लखपति कृषक बनने पर सम्मानित किया गया है।

    Kisan

    उन्होंने कहा कि बाजार में 12 महीने बैंगन, टमाटर की हमेशा मांग बनी रहती है। बाजार से हाथों-हाथ सब्जियां विक्रय हो जाती है। अन्य किसानों को भी अच्छी फसल लेने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह एक दिन उन्नतशील किसान की श्रेणी में आ जाएंगे। उद्यानिकी विभाग से मिली तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन ने उनकी खेती करने की विधि को बहुत ही आसान बना दिया। मधुकर बताते हैं कि अनुदान मिलने से उन्होंने खेतों में ग्राफ्टेड बैंगन, टमाटर लगाए है। बैंगन और टमाटर की मांग अन्य राज्यों में भी की जाती है।

    Beagan Ki Kheti

    उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक ने बताया कि उद्यानिकी की एक तकनीक है। जिसमें एक पौधे के रूट स्टॉक दूसरे पौधे के शॉट स्टीम से जोड़े जाते हैं जिससे दोनों के वाहिका ऊतक आपस में मिल जाते हैं। इस प्रकार इस विधि से पौधे तैयार किये जाते हैं। इसके लिए शासन से किसान कंवर सिंह मधुकर को प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिंचाई योजना अंतर्गत 55 प्रतिशत अनुदान के रूप में 10 एकड़ में दिया गया। वहीं रा.कृ.वि.यो. घटक ग्राफ्टेड बैगन उत्पादन के लिए 0.400 हे. में 30,000 रूपए और शेड नेट हाउस बनाने के लिए 14.20 लाख दिया गया, जिसमें वह खीरा लगाए हुए थे, वर्तमान में टमाटर लगाएंगे।

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